संसार में एक से बढ़कर एक दैवीय व्यक्तित्व हुये जिनके जन्मदिन जयंतियों के रूप में या उनके जीवन की घटनाओं को उत्सवों के रूप में मनाया जाता रहा है, लेकिन पूरे विश्व इतिहास में किसी दैवीय व्यक्तित्व के विवाह के…
परम्पराए
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परम्पराएलेखक के विचारसामाजिक
मकर सक्रांति की बदलती तारीख को लेकर समाज में बड़ा भ्रम
by Praarabdh Desk 123 viewsमकर सक्रांति की बदलती तारीख को लेकर समाज में बड़ा भ्रम रहता है। मैं इस पहलूँ से जुड़े तकनीकी पक्ष को थोड़ा डिटेल और आसान भाषा में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। उम्मीद है, इसके बाद वस्तुस्थिति एकदम स्पष्ट…
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मकर संक्रांति के अवसर पर,तुम_भूल_न_जाना_उनको प्राचीन कुरुजांगल क्षेत्र का एक गांव ‘पाणिप्रस्थ’ (महाभारत कालीन नाम)और वर्तमान में दिल्ली से नब्बे किलोमीटर दूर एक कस्बा जिसको आज पानीपत कहते हैं । प्राचीनकाल से ही कुरुक्षेत्र से संबंधित रणभूमि जो ऐतिहासिक रूप…
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जाति धर्मपरम्पराएमुद्दाराजीव मिश्रासामाजिक
क्रिसमस पर पगलाते हिन्दू
by राजीव मिश्राby राजीव मिश्रा 164 viewsक्रिसमस पर पगलाते हिंदुओं को देखकर मुझे बस वैसा ही फील होता है, जैसा कि एक समय स्कूल से भाग कर मिथुन की फिल्म देखने जाते लड़कों को होता था. जब खुद नहीं जाते थे तब तो नहीं ही समझ…
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जैसे ही मैंने क्लास में कदम रखा सारी लड़कियां एक साथ चिल्लाईं। मैंने नजर उठाकर देखा तो कई लडकियां सेंटा क्लोज की रैड थीम पर लाल कपड़े पहने थीं। “तुम लोगों को शर्म नहीं आती कि एक विधर्मी विदेशी संस्कृति…
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सामाजिकआनंद कुमारपरम्पराएसच्ची कहानियांसाहित्य लेख
किसी की बेटी की शादी ही दूसरे पक्ष के बेटे की भी तो शादी है!
by आनंद कुमारby आनंद कुमार 347 viewsश्रेया की माँ आनंद की शादी के पीछे पड़ गई थी। कारण श्रेया की पढ़ाई पूरी हो गई थी। जॉब भी करने लगी थी। ऐसे में आस -पड़ोस के लोग माँ को टोक देते। सुन -सुन कर माँ भी इस…
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Akansha Ojhaईश्वर भक्तिपरम्पराएभारत निर्माण
स्वयं देव उतरते हैं काशी में देव दीपावली के दिन
by Akansha Ojhaby Akansha Ojha 176 viewsस्वयं देव उतरते हैं हमारी मोक्षनगरी काशी में देव दीपावली के दिन महादेव का स्तुति वंदन करने के लिए सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु अपनी चातुर्मासीय योगनिद्रा में लीन होते हैं। इसलिए देवोत्थानी एकादशी को श्रीहरि जब अपनी योगनिद्रा त्याग…
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दीपावली से पूर्व का माहौल मुझे बहुत पसंद है क्योंकि मुझे यह किसी ऐसे क्षेत्र की स्मृति दिलाता है जहां सितंबर से पतझड़ शुरू होता रहा हो। लेकिन सभी उत्सवों में मुझे देवशयनी एकादशी और देवठान एकादशी बहुत प्रिय है।…
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सामाजिकअवनीश पी ऍन शर्मापरम्पराए
अपने जल जंगल जमीन से उखड़े समाज का पलायन पर्यटन
by Awanish P. N. Sharma 172 viewsमेरी बात सकारात्मक रूप से लेने की जरूरत है बाकी इस बात से खुशी हो या दुःख हो यह सार्वजनिक विमर्श का विषय होगा। मुझे तो खैर दुःख ज्यादा और खुशी कभी भी न होगी। अपने ही राज्य से पलायन…
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सामाजिकपरम्पराएप्रांजय कुमारमुद्दालेखक के विचारसाहित्य लेख
अनूठा अनुपम अद्वितीय छठ पूजा | भारतीय त्योहारों में छिपे समरसता के सूत्र
by Pranjay Kumar 148 viewsप्रश्न- भारतीय त्योहारों में छिपे समरसता के सूत्र कथित उदार-पंथनिरपेक्ष बुद्धिजीवियों को क्यों नहीं दिखाई देते? मैकॉले प्रणीत शिक्षा-पद्धत्ति का दोष कहें या छीजते विश्वास का दौर हमारा मन अपने ही त्योहारों, अपने ही संस्कारों, अपनी ही परंपराओं के प्रति…