जहांगीर अपनी किताब में लिखता है- एक दिन अब्बा अकबर ने उसे बचपन में बताया एक दफे अकबर कूकनर शराब के अंधाधुंध प्याले खेंच के हाथी पर सवार निकले। रास्ते में एक और हाथी मिला – दोनो में टक्कर हुई और अकबर मियाँ बाल बाल बचे।
इस कहानी को अकबर के दरबारी अबुल फ़ज़ल ने तुरपायी करते हुए लिखा है- अकबर नशे में क़तई ना थे बल्कि दूसरे हाथी को बिगड़ते देख अपने हाथी से दूसरे तक लम्बी छलांग लगायी और बिगड़ैल हाथी को क़ाबू में कर लिया।
ये हुए तुजुक ऐ जहांगीरी और अकबरनामा से एक कहानी के दो अलग अलग वर्ज़न।
तीसरा वर्ज़न बहुत जल्दी आपको किसी अख़बार या एपिक tv में सुनने को मिलेगा- कुछ ऐसे – इच्छाधारी पत्रकार श्री पूप द्वारा।
भारत में लम्बी कूद के जनक अकबर है जिन्होंने भारत में सबसे पहली छलांग एक हाथी से दूसरे हाथी पे लगायी। इस लम्बी छलांग के बाद अकबर जी बहुत थक गए थे और थकान मिटाने के लिए तुरंत क़ुल्फ़ी ईजाद कर डाली। इस घटना के बाद लम्बी छलांग को अलिम्पिक में शामिल किया गया और वाडीलाल ने क़ुल्फ़ी बनाने का ठेका लिया ।
पूप डोकर बब्बा- it’s payback time!
#पूपजी