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जनहित में खुलासा कानून

Vivek Umrao

by Umrao Vivek Samajik Yayavar
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कैनबरा में इस तरह के नाम का एक बहुत बढ़िया व ताकतवर कानून है। जिन लोगों को नहीं जानकारी उनके लिए — कैनबरा ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय राजधानी, अर्ध-राज्य, तथा शहर है। कैनबरा की विधानसभा ने “जनहित में खुलासा” नाम से एक बढ़िया व ताकतवर कानून बना रखा है। इस तरह के कानून ऑस्ट्रेलिया के अन्य राज्यों में भी हैं, राष्ट्रीय स्तर पर भी हैं। मेरा मानना है कि इस तरह के कानून दुनिया के हर राज्य में होने चाहिए।

तो कैनबरा का “जनहित में खुलासा” कानून ऐसा है कि कैनबरा का कोई भी निवासी मौखिक या लिखित या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऐसा कर सकता है। शिकायत का औपचारिक रूप से किया जाना या रिपोर्ट के रूप में किया जाना या एफआईआर इत्यादि के रूप में किए जाने की औपचारिकता का अनुपालन नहीं करना पड़ता है। शिकायत कर्ता भले ही व्यक्ति या विभाग इत्यादि की पहचान इत्यादि कर पाने में सक्षम नहीं हो।

कैनबरा राज्य सरकार की विधानसभा, विधानसभा सदस्य, विधानसभा-सचिवालय, सभी सरकारी कर्मचारियों (किसी भी विभाग के हों, किसी भी स्तर के हों, अस्थाई/स्थाई सभी), सरकारी टेंडर लेने वाले ठेकेदारों/उप-ठेकेदारों, सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले NGO व स्वयंसेवकों, इत्यादि सभी के ऊपर यह कानून लागू होता है। सार्वजनिक सेवाएं देने वाले लोग, संस्थाएं, सरकारी विभाग इत्यादि इस कानून के अधीन आते हैं, भले ही स्वयंसेवी हों या NGO या सरकारी।

जो भी सार्वजनिक संपत्ति, सरकारी नीतियों, सरकारी क्रिया, सरकारी प्रक्रिया इत्यादि से जुड़ा मसला है। भले ही घटना पूर्व में हो चुकी हो, या हो रही हो या भविष्य में होने वाली हो। इत्यादि इस कानून के दायरे में आते हैं।

इस कानून को अधिकारियों के नेक्सस के द्वारा प्रभावित नहीं किया जा सकता है, शिकायत को रद्द नहीं किया जा सकता है, शिकायत को लटकाया नहीं जा सकता है। अधिकारी या विभाग इत्यादि यह नहीं कह सकते हैं कि जांच की गई और पाया गया कि कुछ गलत नहीं है। समय-समय पर शिकायतकर्ता को की जा रही जांच की लिखित रिपोर्ट देते रहना, कानूनी बाध्यता है। ऐसे और भी बहुत पेंच हैं कि अधिकारियों का नेक्सस काम नहीं आ पाता है।

इस कानून के तहत बड़े से बड़े नौकरशाह को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है, लंबे समय के लिए जेल भेजा जा सकता है, और भी अनेक प्रकार के गंभीर दंड दिए जा सकते हैं। यह कानून शिकायतकर्ता को सुरक्षा प्रदान करता है।

शिकायतकर्ता को सरकारी अधिकारी, सरकारी विभाग, विधानसभा सदस्य इत्यादि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परेशान नहीं कर सकते हैं, प्रभावित नहीं कर सकते हैं, दबाव नहीं दे सकते हैं। यदि किया जाता है तो गंभीर दंड का प्रावधान है। शिकायतकर्ता के सामान्य जीवन में अप्रत्याशित हलचल इत्यादि को अप्रत्यक्ष रूप से परेशान करना, प्रभावित करना, दबाव इत्यादि देने के दायरे में माना जा सकता है।

ऐसे ही कानूनों के कारण ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में तंत्र आम आदमी के साथ धोखा नहीं कर पाता है। सरकारी तंत्र आम आदमी के प्रति जवाबदेह रहता है। आम आदमी की उपेक्षा नहीं हो पाती है। सरकार का मुखिया, मंत्री, सरकार व नौकरशाही राजा के रूप में व आम आदमी प्रजा के रूप में नहीं होते हैं। आम आदमी शक्ति-संपन्न रहता है, आम आदमी देश का असली मालिक होता है। लोकतंत्र मजबूत होता रहता है, आम आदमी द्वारा नियंत्रित होता है।

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