की घटना हो गई। इमरान भारतीय मिसाइलों से इतना ख़ौफ़ज़दा हो गए कि भारत के गुस्से को शांत करने के लिए पाकिस्तानी संसद में
को छोड़ने का ऐलान कर बैठे।
की जो शेर की तरह शानदार वापसी हुई उसे पूरी दुनिया ने देखा। पर भारत में बैठे कुछ गद्दारों और दिलजलों को यह गुड नहीं लगा। सर्जिकल स्ट्राइक पर सुबूत मांगने वाले पुलवामा के लिए कहते रहे कि चुनाव जीतने के लिए इतने सैनिकों को मरवा दिया। बालाकोट हुआ तो पेड़ गिनने लगे। और जब
की शेर की तरह शानदार वापसी हुई तो इमरान खान को शांति दूत बताने में छाती चौड़ी करने लगे। वह तो जब ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्हों ने इमरान खान से कहा कि जल्दी से जल्दी
को रिहा करो नहीं , पाकिस्तान के सभी शहरों को नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय मिसाइलें और एयर फ़ोर्स तैनात हो गई है। इमरान खान और बाजवा के पसीने छूट गए। पाकिस्तान की संसद में ही इस बात का खुलासा हो चुका है कि जनरल बाजवा उस दिन किस तरह कांप रहे थे।
की रिहाई को भी इन विघ्नसंतोषियों ने चुनाव से जोड़ कर देखा। कहा कि पुलवामा ,
सब कुछ चुनाव के लिए। राफेल सौदा रोकने के लिए भी एड़ी-चोटी एक कर दिया था। तत्कालीन सी बी आई डायरेक्टर को उकसाया। हिंदू , वायर , क्विंट , कारवां सब के घोड़े खोल दिए। खबरों पर खबरें प्लांट होने लगीं। सुप्रीम कोर्ट के कंधे पर बंदूक रख कर चलाने की नाकाम कोशिश की गई। सुप्रीम कोर्ट ने जब बंदूक अपने कंधे पर नहीं रखने दी तो कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट भाजपाई हो गई है। अब जब राफेल आ गया। तो चीन के नथुने तो फूले ही उस से ज़्यादा कांग्रेस और कम्युनिस्टों के।
को छोड़ सकता है तो क्या कांग्रेस खुद को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर सकती ? यह समय ही बताएगा। क्यों कि कांग्रेस और कांग्रेस के लोग किसी की नहीं सुनते। प्रियंका गांधी नरेंद्र मोदी को पुराने राजाओं की तरह अहंकारी बताती ज़रूर हैं पर गांधी परिवार तो रावण से भी ज़्यादा अहंकारी है। रावण ने भी मंदोदरी , विभीषण समेत किसी भी की सलाह नहीं मानी थी। सोने की लंका जलवा ली। एक विभीषण छोड़ समूचा खानदान समाप्त कर लिया एक सीता के अपहरण को ले कर। कांग्रेस भी सत्ता रूपी सीता का अपहरण करने में मशगूल है। बचना चाहिए उसे इस तरह के अपहरण और देश में निरंतर गृह युद्ध की साज़िशों से। कांग्रेस का भला जो होगा , सो होगा ही। देश का बहुत भला होगा। देशवासी निरंतर गृहयुद्ध की दस्तक और आहट से मुक्त होंगे। नहीं कबीर लिख ही गए हैं :