सिकंदराबाद में एक स्टेपवेल है याने सीढ़ीदार कुंवा। ऐतिहासिक महत्व का कुंवा है। नाम है बंशीलालपेट।
अस्सी के दशक में ये कुंवा कूड़ादान में तब्दील हो गया। जो कभी आस पास के कॉलोनी में वाटर सप्लाई का एक स्रोत था।
इसमें लोग इतने कूड़े डाल दिये कि ये कूड़े से समतल हो गया।
अभी कुछ महीने पहले बारिश के पानी के संग्रह पे काम करने वाली कल्पना रमेश ने इस कुंवे को जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया।
और इसपे काम शुरू हुआ।
अब तक 500 टन कूड़ा करकट यहाँ से निकाले जा चुके है। करीब 20-25 फीट की गहराई में इन्हें पानी की एक धारा मिली जिसका प्रवाह काफी अच्छा है। ये कुंवा 57 फीट गहरा है। और अभी साफ करना जारी है। और चूंकि कुंवे का साफ करने का क्रम जारी ही है तो हर रात 5-6 फीट पानी रोज भर जाता है जो कि नेचुरली स्रावित होता है कुंवे से।
इसके आरंभ और अभी तक का ट्रांसफॉर्मेशन आप स्वयं देख सकते है।
