Home हमारे लेखकरिवेश प्रताप सिंह अपने गंजेपन के हाल पर मैंने जबरन एक गलतफहमी पाल रखी है।

अपने गंजेपन के हाल पर मैंने जबरन एक गलतफहमी पाल रखी है।

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1 – अपने गंजेपन के हाल पर मैंने जबरन एक गलतफहमी पाल रखी है। खुद को तसल्ली देने के लिए मुझे लगता है कि मेरी ही तरह अस्सी प्रतिशत जनता गंजी हो चुकी है जा गंजेपन के राह पर निकल चुकी है। ऐसे में मैं कभी बाज़ार हाट में खड़ा होता हूं तो अनायास ही लोगों के गंजेपन की पड़ताल करने लग जाता हूं।
2 मेरे मझले भाईसाहब पेशे से व्यवसायी हैं और पूरी तरह कमल छाप। दिनभर 300 से 350 के गणित में उलझे रहते हैं। बाज़ार हाट कहीं भी खड़े होते हैं वहां ‘फूल पसंद’ वालों की पड़ताल में लग जाते हैं। संयोग से अधिकांश उन्हीं के मन की बात करने वाले मिल जाते हैं कभी-कभार एक- एकाध साइकिल वाले टक्कर भी मार देते हैं।
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आज मैं और मेरे मझले भाई रिलायंस ट्रेंड पर कुछ खरीददारी कर रहे थे। रिलायंस से कपड़े खरीदने वाले जानते होंगे कि वहां कूपन, प्वाइंट, गिफ्ट आदि का इतना झमेला होता है कि एक ही खरीदारी के भुगतान में बीस मिनट से आधे घंटे तक खर्च हो जाते हैं। मुझे बड़ी उलझन होती है। इसलिए आज मैं पेमेंट के वक्त (पेमेंट भाई साहब पर छोड़कर) बराबर सोफे पर बैठकर आराम करने लगा। उधर भाईसाहब अपने आसपास के लोगों के मन-मस्तिष्क में छिपे कमल फूल के पड़ताल में लग गये। भुगतान के समय मेरे मोबाइल नम्बर की आवश्यकता लगी जहां मेरे नम्बर पर एक ओटीपी आनी थी सो मैं सोफे से उठकर कैश काउंटर पर आ गया। वहां कैश काउंटर पर कैशियर समेत आठ और सामने सात आठ ग्राहक, कुल पन्द्रह-सोलह के आसपास। लेकिन माहौल… मेरे बिल्कुल उलट। वहां मेरे अलावा न तो कोई गंजा था और न ही एक भी गंजेपन की सदस्यता की लाइन में। मैंने बेहद मायूसी के साथ मंद आवाज में भाईसाहब के कान में फुसफुसाया…’ मुझे भी गलतफहमी रहती है कि देश की अस्सी प्रतिशत जनता गंजेपन का शिकार है लेकिन यहां मेरे सिवाय सब के सब!’
अब कमाल देखिए!
भाई साहब तो फूल छाप रहे थे। उन्हें कहां, मेरी परवाह!! उन्होंने भरपूर उत्साह से कहा ” यहां सब के सब फूल वाले हैं. देखना अबकी 350 पार है”
भाई साहब का उत्साह देखकर उस समय तो चुप धर लिया लेकिन जब दुकान से निकल कर बाहर आया और दुबारा अपनी वेदना बताई तो उन्होंने हंसकर कहा- “भाई जब तुम दिनभर यूट्यूब पर बाल उगाने की दवा देखोगे तो ऐसा लगेगा कि पूरी दुनिया गंजेपन का ही शिकार है। बाल देखना हो तो नाई की दुकान पर जाओ तब पता चलेगा कि दुनिया बाल से मालामाल है। बाल वाले 400 में 350 पार हैं।

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