आखिर उस मुकाम तक लाये गए न! जब देश और दुनिया किताबों में दर्ज 6 और 9 खोजे! ये खोज-खबर बदस्तूर ही नहीं अब और रफ़्तार से जारी रहेगी क्योंकि पर्देदारी के आप शौकीन… तो देश-समाज अब हर पर्दे को उतार फेंकने के शौक पाल चुका है।
बहरहाल… 6-9 को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विमर्श बनाने का शुक्रिया।
हर चौक-चौराहों से लगायत आज अनौपचारिक तो कल औपचारिक चर्चाओं तक ये ऐसे तमाम 6-9 बाँचे जाएँगे क्योंकि आपने और आपके पैरोकार गिरोहों ने सनातन संस्कृति का कोई 6-9 नहीं छोड़ा है। अभिव्यक्ति की असल चिड़िया अब उड़ेगी कथित गंगो-जमन के आँगन में।
खुद की किताबों में दर्ज 6-9 के आँकड़े दूसरों के गिना देने भर से गर्दनों पर तन से जुदा लिखने वालों को सनातन के इस वर्तमान उदाहरण से मुँह काले कर लेने चाहिए जो एक सत्य को सत्य कहने के लिए मृत्युदंड की धमकी जैसे अपराध को भी नीलकंठ सा भाव दिए बैठा है।
रही बात नूपुर शर्माओं की तो हमें सरकार और पार्टी का फर्क मालूम है। इस मामले में गलत-सही जो भी है वो पार्टी से हुआ है इसलिए उसके निर्णय से विरोध जताते रहेंगे। जानना चाहते हैं सरकार की बात तो साफ साफ सुनते जाइये : यही सरकार लाते रहेंगे। हमारी यात्रा लंबी है…
स्टेशन दूर है अपना अभी, बीच के किसी छोटे-मोटे हॉल्ट स्टेशन पर अपनी यात्रा छोड़ हमें वैचारिक-राजनैतिक खुदकुशी नहीं करनी।