इन दिनों उत्तरप्रदेश चुनाव में न्यूजचैनलों द्वारा एक सुनियोजित संगठित अभियान चलाया जा रहा है। जनता में भ्रम फैलाने के एकमात्र मुख्य उद्देश्य वाले इस अभियान के द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि इस बार उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा बहुत कमजोर हो चुकी है और सपा गठबंधन बहुत मजबूती के साथ उभर कर आ रहा है। इस अभियान का परिणाम क्या होगा.?
न्यूजचैनलों द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान कितना झूठा, कितना सच्चा सिद्ध होगा.? 10 मार्च को इसका उत्तर मिल ही जाएगा। लेकिन आप मित्रों के लिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि 5 वर्ष पूर्व 2017 में हुए उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी यही न्यूजचैनल इसी तरह का अभियान चला कर सरासर सफेद झूठ को प्रचारित कर के उत्तरप्रदेश की जनता को भ्रमित करने, उसे बरगलाने में जुटे हुए थे। इसका प्रमाण है एबीपी न्यूज द्वारा उस समय दिखाया गया फाइनल ओपिनियन पोल। उस ओपिनियन पोल में एबीपी न्यूज ने भाजपा को बहुत कमजोर बताते हुए उसे 118-128 सीटें मिलने की संभावना जतायी थी तथा सपा-कांग्रेस गठबंधन को बहुत मजबूत बताते हुए 187-197 सीटें मिलने की संभावना जताते हुए उसकी सरकार बनने का ऐलान कर दिया था। लेकिन सच यह था कि भाजपा ने 325 सीटों के ऐतिहासिक बहुमत प्राप्त कर सरकार बनायी थी। सपा-कांग्रेस गठबंधन को मिली सीटों का आंकड़ा मात्र 56 सीटों की संख्या पर अटक गया था। प्रस्तुत स्क्रीन शॉट उसी 2017 में एबीपी न्यूज द्वारा 30 जनवरी 2017 को दिखाए गए फाइनल ओपिनियन पोल का है। इसबार भी एबीपी न्यूज समेत लगभग सभी न्यूजचैनल ऐसा ही प्रचार करने में जुटे हैंsa