आज का दिन राष्ट्रीय शर्म का तो था ही पर कृपया मुझे यह कहने की अनुमति दीजिए कि लालकिले की प्राचीर पर आज जो भी कुछ अप्रिय हुआ वह आतंकी कार्रवाई थी। आंदोलनकारी , या दंगाई घटना नहीं थी। ठीक वैसे ही जैसे यह ट्रैक्टर रैली के नाम पर टेरर रैली थी।
दीजिए मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस को कि उन्हों ने पूरे धैर्य और संयम से काम लिया। इतना कुछ घट जाने के बावजूद एक भी गोली नहीं चलाई। नहीं क्या आई टी ओ , क्या लालक़िला , जालियां वाला बाग़ बनने में देर नहीं लगती। दिल्ली पुलिस के पास लाठी ही नहीं , रिवाल्वर भी थी।