चुनाव, वे भी उत्तर प्रदेश के चुनाव आते ही ओमाइक्रॉन के केसेस बढ़ना – चलिए, संयोग ही मान लेते हैं क्योंकि इसे प्रयोग कहने के लिए कोई सबूत उपलब्ध नहीं।

 

बंगाल चुनावों में जैसे ही मोदी शाह की सभाओं में बड़ी भीड़ जुटने लगी, जिहादी दी ने कोरोना से लोगों की जान को खतरा का बवाल उठा दिया था। मद्रास हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने एप्रिल 2021 में चुनाव आयोग को चेतावनी दी थी कि रैलीयां नहीं रोकी तो आप पर मनुष्य हत्या का मुकदमा चलाएंगे।

 

उन मद्रास हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश का नाम संजीब बैनर्जी था इस संयोग को हमें महत्व नहीं देना चाहिए क्योंकि तमिल नाडु के चुनाव भी अप्रैल से मे 21 तक थे ।

 

अब उत्तर प्रदेश के चुनावों में योगी मोदी की सभाओं में आनेवाली भीड़ को देखकर तथा चुनाव आते ही ओमाइक्रॉन के केसेस बढ़ते देखकर यह भविष्यवाणी करने का मन हो रहा था कि रैलीयों पर पाबंदी लगेगी, लेकिन इसके पहले कुछ काम को लेकर चार दिन फ़ेसबुक से दूर रहना पड़ा ।
खैर, पाबंदी लग गयी। मर्यादा में रहिए, संजोग ही कहिए। अब पता चल रहा है कि भाजपा ने शायद 2021 के चुनाव में लगी पाबंदियों से यह सीख ली होगी और इसका डिजिटल इलाज खोज लिया था । बाकियों ने शायद इतना ही सोचा होगा कि भाजपा रैलीयां नहीं कर पाएगी, जनता को लहर महसूस नहीं होगी। अब रो रहे हैं, अकललेस।

 

आगे आगे देखते हैं।

Related Articles

Leave a Comment