यदि आप वाक़ई ज़मीन से जुड़े हैं तो आपको पता होगा इन दिनों गाँव देहात में श्रमिक कार्ड बनवाने वालों की लाइन लगी है. जिनके बन चुके हैं, उत्तर प्रदेश के ऐसे डेढ़ करोड़ लोगों के खाते में हज़ार रुपए भेजे जा चुके हैं. फ़रवरी में पाँच सौ और मार्च में पाँच सौ और भेजे जाने हैं. अभी एक जनवरी को किसान सम्मान निधि की दसवीं किस्त के दो हज़ार रुपए उत्तर प्रदेश के दो करोड़ लोगों के खाते में सीधे पहुँचे हैं.
उत्तर प्रदेश में पंद्रह करोड़ लोगों को 35 किलो गेहूं चावल के साथ दाल, तेल, नमक, चना आदि फ़्री मिल रहा है. इसके अतिरिक्त शौचालय, गैस कनेक्शन, घर तक फ़्री दिए गए. इन सब स्कीमों का लाभ उठाने वाली जनता ज़्यादातर गाँव देहात की है और पिछड़ी, दलित बिरादरी की है.
आपने शायद ध्यान दिया हो 2017 हो या 2019 भाजपा up में ग़ैर यादव हिंदुवों के लगभग पछत्तर प्रतिशत वोट पाती आई है जिसमें लगातार वृद्धि हुई है. यह वोट कोई नेता विशेष लेकर न आया यह वोट है उस जनता का जिसे इन स्कीमों से सीधा फ़ायदा पहुँचा.
यक़ीन मानिए इस बार बाक़ी जातियाँ छोड़िए, जाटवों का भी एक ठीक प्रतिशत भाजपा को वोट देने वाला है. यह सब वह वोट है जो tv पर नहीं आता, मीडिया पर चीखता नहीं, पर असल में लाइन लगा कर वोट देने जाता है. यह वह वोट है जो अपने साथ किए अच्छे कार्य को कभी नहीं भूलता.
जिन नेताओं की टिकट कटने वाली है, जिनके बेटों नाती पोतों को भाजपा से टिकट न मिली वह छोड़ कर जा रहे हैं, यदि यह वाक़ई इतने ताकतवर होते तो भाजपा साम दाम दंड भेद ed cbi लगा कर इन्हें रोक ली होती. भाजपा को और हर समझदार को मालूम है वोट पक्के हो चुके, बस दो तीन प्रतिशत इधर उधर होते हैं, शेष मन बना चुके. मुझे कहीं से भी भाजपा गठबंधन की तीन सौ से कम सीटें नहीं दिखती.