उत्तरप्रदेश में कांग्रेस से भी पहले समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव परिवार की राजनीति का विनाश आवश्यक है क्योंकि इन्होंने एक स्वाभिमानी योद्धा जाति अहीर को जातिवाद के नशे का ऐसा इंजेक्शन लगाया हुआ है कि वे अपना भला बुरा भूल चुके हैं और यहाँ तक कि हिंदुत्व को भी भूलकर उन मु स्लिमों की गलबहियां कर बैठे हैं जो हिंदुत्व के अस्तित्व के भी घोर शत्रु हैं।
मेरी ह्रदयगत कामना है कि यादव बंधु इस विषैले परिवार की मानसिक दासता से बाहर निकलें और भाजपा में शामिल होकर सत्ता में अपनी न्यायोचित भागीदारी प्राप्त करें।
मुझे डर है कि अगर वे अब चूक गए तो बुरी तरह आइसोलेट हो जायेंगे और उनके भाग को अन्य पिछड़ी व दलित जातियां ले लेंगी।
दलितों विशेषतः जाटवों में भाजपा की ओर मुड़ने की यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अन्य पिछड़े जैसे कुर्मी, कोइरी आदि पहले ही भाजपा में प्रबल हो चुके हैं।
इससे पहले कि देर हो जाये, भगवान कृष्ण इस योद्धा जाति को सद्बुद्धि दें और औरंगजेब के चेलों से मुक्ति भी ताकि उनमें भी हिंदुत्व की अग्नि प्रज्वलित हो।
जिस दिन ऐसा हो जाएगा हिंदुओं की सत्ता अंगद का पाँव बन जाएगी।