हमारी नज़र शुरू से उदयपुर हत्याकांड पर है उसमे होने वाले वो सत्य जो शायद दुसरो को बाद में पता चलते है वो हम आप तक पहले ला रहे है उदयपुर हत्याकांड का मामला जितना संगीन है उससे कही ज्यादा संगीन उसकी रहस्मय कहानी और उसमे होने वाले नाटकीय परिवर्तन की पुलिस जांच एजेंसी के अनुसार उदयपुर में हुए कन्हैया लाल की हत्या के संगठन दावत-ए- इस्लाम के तार कानपुर से जुड़े है कानपुर में दावत-ए- इस्लाम के दफ्तर समेत संगठन के लोगो की जांच शुरू कर दी है
इस जांच के लिए पुलिस ने सदस्यो की टीम गठित की है इस टीम का नेतृत्व एक आईपीएस को सौपा गया है। जांच टीम राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ऍम एल लाठर के बयान के बाद बनी है जिसमे उन्होंने कहा था की दावत-ए- इस्लाम कानपुर में भी सक्रिय है कांड में पकडे गए कट्टरपंथी इसी संगठन से जुड़े हुए बताये गए है राजस्थान पुलिस को ऐसे इनपुट मिले है की इस संगठन के कुछ लोगो ने कानपुर में भी अपने स्लीपिंग सेल्स सक्रिय किये है और इस स्लीपिंग सेल्स में ऐसे लोगो को लिया गया है जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है क्यूंकि ऐसे लोगो को पकड़ पाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं है
आपको बता दे की उदयपुर की घटना तो बस अंश मात्र है क्यूंकि दावत-ए- इस्लाम का मकसद देश में किसी बड़ी को अंजाम देने का है यह भी हो सकता है की इस संगठन के तार दूसरे शहरों या राज्यों से भी जुड़े हो सकते है और इनके एक शहर में कई स्लीपिंग सेल्स सक्रिय हो सकते है इन स्लीपिंग सेल्स से जुड़े लोगो का ब्रेन वाश कर के उनको किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए तैयार किया जा रहा है
राजस्थान के डीजी लाठर ने अपने बयान में इसका संकेत दिया तो ऍन आई ए भी सक्रिय हुई है