भारत का आकाश संतों से भरा है। अनंत -अनंत सितारे हैं यद्यपि ज्योति सबकी एक है लेकिन फिर भी परमपूज्य देवरहा बाबा उन सभी सितारों में ध्रुवतारा हैं।
एक बार देवरहा बाबा से मिलने प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आना था। आला अफसरों ने हैलीपैड बनाने के लिए वहां लगे एक पेड़ को काटने के निर्देश दिए। पता लगते ही बाबा ने एक बड़े अफसर को बुलाया और पूछा कि पेड़ क्यों काटना चाहते हो?
अफसर ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आ रहे हैं, इसलिए जरूरी है।’ बाबा बोले, ‘ नही! यह नहीं काटा जाएगा। इसने अभी रो-रो के मुझसे तुम लोगों को शिकायत की है।’ अफसरों ने अपनी मजबूरी बताई पर बाबा जरा भी राजी नहीं हुए। उनका कहना था कि ‘यह पेड़ होगा तुम्हारी निगाह में, मेरा तो साथी है, पेड़ नहीं कट सकता।’
फिर बाबा एकदम से बोलो ‘रुक जाओ, प्रधानमंत्री का कार्यक्रम ही टलेगा।’ इसी उहापोह के बीच दो घंटे लग गए और तभी प्रधानमंत्री कार्यालय से रेडियोग्राम आता है कि प्रधानमंत्री जी का प्रोग्राम अपरिहार्य कारणों की वजह से स्थगित हो गया है।
ब्रह्मर्षि, महान योगी, सिद्ध संत, प्रात: स्मरणीय एवं परम् पूज्य श्री देवरहा बाबा जी की पुण्यतिथि पर उनके श्री चरणों में कोटिशः नमन।