Home मधुलिका यादव शची कहानी शुद्धोधन की
वर्षों बाद उम्र के दूसरे पड़ाव के कगार पर जाकर एक पिता को पुत्र प्राप्त हुआ लेकिन इस संसार के योगियों को
संसार के कल्याण की इतनी चिंता सताती है कि एक पिता से उसका पुत्र छीनने चले आये..!
अरे अभी तो शुद्धोधन को संतान सुख मिलने वाला ही था कि हिमालय से योगीराज असित मुनि पहुंच गए एक पिता को डर के कोप भवन में धकेलने के लिए आ धमके और आखिर में अपनी भविष्यवाणी से एक पिता को डरा धमका कर चले गए..!
जिस पिता को अपने नन्हें से पुत्र को अभी गोद में लेकर चूमना था और उसके लिए सपने सँजोने थे उस पिता को एक ऋषि यह कहकर धमका कर चला जाता है कि
“चाहे तू लाख प्रयत्न कर ले राजन पर तेरा पुत्र सन्यासी ही बनेगा, तेरे बनाये हुए सारे बंधनो को किसी रात्रि में तोड़ कर चला जायेगा और तू देखता रह जायेगा, कर ले स्वीकार अपने पुत्र के भाग्य को, कर ले समझौता उसके भाग्य से..! “
कैसे कर ले एक पिता अपने भाग्य से समझौता बताओ..!!
अरे उस माँ का तो सोचा होता जो सदैव दूसरों के पुत्रों को अपना पुत्र समझकर गोद मे खिलाती थी और दूसरे के पुत्रों पर इतनी ममता लुटाने के बाद भी बाँझण कहलाती थी ,
और आज जैसे ही उसे पुत्र की प्राप्ति होती है वैसे ही एक निर्मोही योगी उनके पुत्र को सन्यासी बनेगा कहकर चला जाता है ..,
अरे हाय रे क्रूर नियति जो माँ अभी ठीक से अपने पुत्र को अपने छाती का दूध भी नहीं पिला पाई थी उसी को तूने अपने पुत्र से दूर कर दिया
हाय रे नियति तू अपने कार्य सिद्ध करवाने के लिए एक शिशु के साथ इतना बड़ा अन्याय कैसे कर सकती है ..?
नियति की क्रूरता तो देखो शिशु भूख से तड़पते हुए रो रहा था और माँ इस संसार को छोड़कर चली गयी ..!
शुद्धोधन के कानों में असित मुनि की भविष्यवाणी गूंजती रहती है , रह रह कर रात्रि में उठकर सिद्धार्थ को कक्ष में देखने जाते हैं कि उनका पुत्र है या नियति ने अपना कार्य सिद्ध कर लिया..!
शुद्धोधन सन्तान के प्रति मोह जनित चिंता में ऐसे डूबे कि उनके माथे की लकीरें गहरी होती चली गयी और फिर एक दिन न जाने कैसी माया का खेल हुआ जिससे यशोधरा भी गहरी निंद्रा में चली गई और स्वयं शुद्धोधन भी काल के वश में आकर निंद्रा में चले गए और नियति ने सिद्धार्थ को उठाया और हड़प ले गयी एक पिता से उसके पुत्र को..!
प्रातः निराशा से महल के बाहर प्रांगण की ओर देखते हुए शुद्धोधन आंखों में अश्रु लिए स्वयं ही बोल पड़े:
आखिर ले ही गया जोगी मेरे पुत्र को जोगी बनाने.!!!!!

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