Home हमारे लेखकनितिन त्रिपाठी गांव में बच्चा पहली के लायक होता है

गांव में बच्चा पहली के लायक होता है

by Ashish Kumar Anshu
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गांव में बच्चा पहली के लायक होता है और अभिभावक उसे दूसरी में एडमिशन दिलाना चाहते हैं तो स्कूल जाकर प्रधानाचार्य से कहते हैं कि बच्चे का दाखिला तीसरी में कर दीजिए।
प्रधानाध्यापक परीक्षा लेता है और गंभीर चिन्ता में पड़कर कहता है— ”लेकिन बच्चा तो आपका दूसरी के लायक है।”
यह सुनकर अभिभावक भी थोड़ा उदास होने का नाटक करता है और कहता है — ”का कीजिएगा। दूसरी में ही कर लीजिए।”
अखिलेशजी को लगता है एडमिशन वाला ट्रीक वे चुनाव में लगाकर इस बार उत्तर प्रदेश विधान सभा में बहुमत से पहुंचेगे। हुआ यूं कि प्रदेश भर में अखिलेश कहते घुम रहे हैं — ”इस बार हमारी गठबंधन को चार सौ सीट आ रही है।”
400 का दावा करने का हौसला तो उनके कट्टर समर्थक भी नहीं जुटा पा रहे। अखिलेशजी ने हौसला नहीं जुटाया है। स्कूल वाला नुसख़ा अप्लाय किया है। देखिए विधानसभा में यह सफल होता है या नहीं?

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