Home आर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) गुनहगार अधिक उद्दंड क्यों हो जाता है
एक्सपोज होने के बाद अगर कडा दंड न दिया जाए तो गुनहगार अधिक उद्दंड हो जाता है।
एक महिला थी जो एक बढ़ती हुई विचारधारा के संस्थापक के विरोध में कविताएँ रचती थी। उस संस्थापक को यह बात अच्छी नहीं लगी और उसने अपने साथियों के बीच ऐलान किया कि कौन इस ____ की बेटी से मुझे मुक्ति देगा ?
एक अंधे ने यह बीड़ा उठाया। वो उस महिला से परिचित था, उसके घर परिवार से भी परिचित था। वो रात में चुप के से उसके घर में घुसकर उसकी हत्या कर आया। वो उस समय अपने बच्चे को दूध पिला रही थी, इसने चाकू आर पार घोंप दिया। बच्चे के साथ या बच्चे को हटाकर इसपर एकमत नहीं है। शायद आजकल अन्य विचारधारा के लोगों को यह सुनना अच्छा नहीं लगता कि निष्पाप बच्चे को भी चाकू मार दिया, इसलिए आजकल कथं में बच्चे को बाजू हटाने की बात आती होगी यह भी संभावना है। क्योंकि संस्थापक को बच्चों की हत्या से कोई आपत्ति नहीं थी, एक प्रसंग में उसके साथियों ने पूछा कि अचानक हमले में बच्चे भी मारे जाएंगे, तो उसने कहा था कि वे भी तो उनमें से ही हैं।
अस्तु, अंधे ने हत्या कर दी और संस्थापक के पास बड़ाई करने पहुँच गया। संस्थापक ने उसे शाबाशी दी और एक विशेष नाम दे कर कहा कि असली दृष्टि के धनी तो तुम ही हो। फिर अंधा हत्या के स्थान पर लौट आया और वहाँ जमा भीड़ को उसने ललकारकर कहा कि मैंने ही इसकी हत्या की है । किसी को मेरा कुछ उखाड़ना हो तो उखाड़ लो, यहाँ सामने खड़ा हूँ, लेकिन जल्दी, पूरा दिन बर्बाद करने को मेरे पास समय नहीं है।
किसी ने उसका बाल भी बांका नहीं किया, सभी डर गए और हम पढ़ते हैं कि सभी ने वह विचारधारा भी अपना ली थी।
इसलिए सिर्फ एक्सपोज किया जाना काफी नहीं। अन्यथा उसको सजा न हुई तो लोग उसके पाले में चले जाते हैं, वो अधिक ताकतवर बन जाता है। समझने को कठिन बात नहीं है कि ऐसा क्यों होता है; लोग हमेशा strong horse पर दांव लगाते हैं, वो कितना भी wrong horse हो फिर भी। और वो wrong horse तो इसे ईश्वर की इच्छा भी बताने से कतराता नहीं, बल्कि पूरी बेशर्मी से सीना ठोंककर यही कहता है और और भी strong होता जाता है।

Related Articles

Leave a Comment