घर बड़ी मुश्किल से बनते हैं।
चाहे भले बिल्कुल अवैध बने हों, केवल बंदूक के दम पर… पर इन्हें नहीं तोड़ा जाना चाहिए।
सिर बड़ी आसानी से बनते हैं।
जहाँ चाहें, जिसका चाहें… पत्थर मारकर तोड़ देना चाहिए।
देश बड़ी आसानी से बनते हैं।
जब चाहें, जैसे चाहें… डायरेक्ट एक्शन लेकर तोड़ देना चाहिए।
रिश्ते बड़ी आसानी से बनते हैं।
जब मन करे… दो कौड़ी के तीन लफ्ज बोलकर तोड़ देने चाहिए।
दूसरों के देवी-देवताओं की पवित्रता और महत्ता बड़ी आसानी से बनी है।
जब चाहो, जैसे चाहो… अपनी यौन कुंठा को जगजाहिर करने के लिए उनके उनके अश्लील चित्र बनाए जाने चाहिए और विरोध होने पर इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल कहना चाहिए।
हाले सरामी तुक्के मकीने