Home आर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) डर नहीं खौफ का माहौल है
दो मिनट 12 सेकंड पर सुशांत सिन्हा मौलाना असीमुद्दीन असादी को बताते हैं कि उस कथित ‘फव्वारे’के साथ कोई पाइप सिस्टम नहीं है। मौलाना इसी बात पर आपत्ति करने बैठ जाते हैं कि यह बात लीक कैसे हो गई ? यह रिपोर्ट अभीतक पटल पर रखी नहीं गई तो लीक कैसे हुई ?
इससे तीस सेकंड ही पहले मौलाना जोर से बता रहे थे कि मस्जिदों में फव्वारे आम हैं। उसमें आम मस्जिदों की बात से प्राचीन गिनेचुने मस्जिदों पर आए, फिर भी फव्वारा ही कहते रहे।
लेकिन जब सुशांत सिन्हा ने कहा कि पता चला कोई पाइप नहीं है वहाँ तो “रिपोर्ट लीक कैसे हुई” का खूंटा पकड़कर बैठ गए।
ये वैसी ही बात है जो राम जन्मभूमि के बारे में कहते थे कि कब्जाई जमीन पर ____ हराम है, यहाँ मंदिर था यह प्रूव करो। लेकिन ज्ञानवापी और बाकी सभी के बारे में 1991 का खूंटा पकड़ कर बैठे हैं।
और हम यह नहीं देखते कि उन्होंने दुनिया के सभी इसाइयों का दिल दुखाकार – और दिल दुखाने के लिए ही इस्तन्बुल की आया सोफिया कथीड्रल को मस्जिद बना दिया। भले ही वहाँ कोई इसाई नहीं था लेकिन वो चर्च भी नहीं था, म्यूजियम था। मस्जिद बनाने की क्या जरूरत थी?
और हमें यह भी देखना गंवारा नहीं कि वे ये सभी मस्जिदें छीनकर वापस लेने क जाहीर इरादा रखते हैं, बोलकर दिखाते हैं और हम सरकार भरोसे छोड़ देते हैं, और सरकार को भी धमकाते रहते हैं कि दूसरों को लाएंगे।

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