अभी कोरोना वायरस के मामले पूरी तरह शांत भी नहीं हुए थे की लोगो को एक बार फिर से भयभीत करने के लिए मंकी पॉक्स नामक वायरस ने लोगो को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है अभी तक मंकी पॉक्स यूरोप , अमेरिका , अफ्रीका जैसे देशो में फ़ैल रहा था लेकिन हाल ही में इसके कुछ मामले भारत देश में भी मिलने लगे है
क्या है मंकी पॉक्स वायरस –
मंकी पॉक्स वायरस चेचक वायरस के परिवार का ही एक हिस्सा है जिसमे मानव शरीर में बड़े बड़े दाने पड़ने लगते है जिनके अंदर पानी भरा होता है ये दाने कुछ ही हफ्तों में पूरे शरीर में हो जाते है और जिनमे पानी बहता रहता है मंकी पॉक्स वायरस गिलहरी , चूहे , बन्दर , छिपकली , नम और गंदे बिस्तर, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है
हालांकि कई मामलो में ये भी देखा गया है की मंकी पॉक्स चिकन पॉक्स की अपेक्षा कम खतरनाक है और इसमें मृत्यु दर अभी तक सिर्फ 3 प्रतिशत ही थी लेकिन अब यह बढ़कर 10 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है
कोरोना की तुलना में इस वायरस का प्रसार भी बहुत धीरे हो रहा है, लेकिन जब किसी भी बीमारी को महामारी घोषित किया जाता है तो लोगों में मन में उसको लेकर डर बैठ जाता है. खासकर कोरोना के बाद महामारी शब्द से लोग डरने लगे हैं.पहली बार यह वायरस 1958 में बंदरों में पाया गया था. इंसानों में इसका पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. इसके बाद कई बार अफ्रीका के कुछ देशों में इसके केस सामने आ चुके हैं.
बचाव कैसे करे
पैनिक होने की नहीं है जरूरत
साफ सफाई का ध्यान रखें
अगर किसी को फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उससे दूरी बनाएं
बंदरों या बीमार जानवरों के संपर्क में न आएं