निजी तौर पर मुझे लगता है कि पंचायत में मुखिया को एक सम्मानजनक राशि हर महीने मिलनी चाहिए। जिसे पाने के बाद वह पंचायत के लिए आए पैसों को ईमानदारी से पंचायत पर खर्च कर सके।
बिहार पुलिस के कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। उनके काम के घंटे कम हों। ऐसा ना होने की स्थिति में बिहार के लोग ही प्रतिदिन इसका ‘नतीजा’ भूगत रहे हैं।
बिहार सरकार पुलिस वालों को सम्मानजनक पैसा हर महीने वेतन में नहीं देती है। यदि वहां से सही वेतन मिल रहा होता तो पुलिस को माफिया, उठाइगीरों और ठेकेदारों के साथ ओवरटाइम क्यों करना पड़ता?
यदि सही वेतन मिल रहा होता तो कानून के राज में किसी की इतनी हिम्मत कैसे हो जाती कि वह एक आम आदमी के घर जेसीबी लेकर पहुंच जाए और पूरे परिवार को आग में झोक दे।