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न ऊधो से लेना न माधव को देना

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न ऊधो से लेना न माधव को देना

 

जीवन की राह कई दोस्त मिलते हैं। साथ रहते है, बातें करते है, सुख-दुख, लड़ाई-झगड़ा, शादी-ब्याह में साथ होते हैं। वक्त के साथ कुछ मनमुटाव होता है और वो दूर हो जाते है। कुछ लोग जूता लात करने के बाद दूर होते है, कुछ बस बिना कुछ कहे दूर चले जाते है, उधौ से लेना, न माधव को देना टाइप।
लेकिन कुछ दोस्त ऐसे होते है जो शुरू से आखिरी तक आपके साथ रहते है, लेकिन आप उनका घिनौना चेहरा पहचान नहीं पाते। Sah Dhee Raj ऐसे ही लोगों में है। बचपन का दोस्त है, हमने जात पात से ऊपर उठ कर इसको सम्मान दिया लेकिन इस आदमी की कुंठा बहुत देर से सामने आई।
पिछले कुछ समय से ये व्यक्ति ठाकुरों और ब्राह्मणों को आपस मे लड़वा रहा है। खुद को अमित शाह का रिश्तेदार बता कर इसने हम सब के दिलों में जगह बनाई थी। खुद को कट्टर भाजपाई और सच्चा सनातनी बताने वाला यह गोरिल्ला अपनी कुंठा के चलते सनातन को जातीय टुकड़ो में बांटने की योजना पर काम कर रहा है।
इसको फंडिंग नेपाल से होती है। ससुराल का बहाना बनाकर यह व्यक्ति महीने में चार बार नेपाल जाता है। काफी मशक्कत के बाद रेलवे से इसकी यात्रा के रिकॉर्ड प्राप्त किए है। सरकार इसके खातों की जाँच करें इसके लिए जेपी नड्डा से समय मांगा है। तमाम ब्राह्मण और ठाकुर मित्र इसकी लिस्ट में जुड़े है, जो इसकी चाल का शिकार हो रहे है।
अगर वो इस सनातन द्रोही को अपनी लिस्ट में रखना चाहते है तो रखें, लेकिन मैंने इस पोस्ट के बाद ही व्यक्ति को ब्लॉक कर दिया है। अब इस व्यक्ति से किसी भी तरह की कोई मित्रता नही है। इसकी किसी भी गलती या कृत्य के लिए मैं जिम्मेदार नही हूँ। कोई भी मेरे पास शिकायत लेकर मत आना।

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