Home विषयअपराध फर्जी किसानो द्वारा एक दलित की जघन्य हत्या से मन द्रवित है।

फर्जी किसानो द्वारा एक दलित की जघन्य हत्या से मन द्रवित है।

अमित सिंघल

by अमित सिंघल
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आग्रह है कि इस हत्या को एक अन्य दृष्टिकोण से भी देखा जाए।
यह हत्या भी दलितों के विरूद्ध होने वाले अपराधों के सरकारी आंकड़ों में जुड़ जायेगी।
और दोष किसको मिलेगा?
हिन्दुओं को। विशेषकर उच्च जाति वाले हिन्दुओं को। और स्पष्ट लिखूं तो मुख्यतः ब्राह्मणो को।
वर्ष 2019 में राजस्थान में दलित महिलाओ से सर्वाधिक बलात्कार हुए। दलितों के विरूद्ध अपराध का प्रतिशत में भी राजस्थान अग्रणी है। वहां कांग्रेस की सरकार थी एवं है। दलितों के विरूद्ध अपराध के प्रतिशत में महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, ओडिसा इत्यादि राज्यों में चिंताजनक है जहाँ गैर भाजपा सरकार थी या है। उत्तर प्रदेश में भी स्थिति चिंताजनक है।
आंकड़ों से यह स्पष्ट नहीं है कि दलितों के विरूद्ध अपराध किस जाति या धर्म के लोगों ने किया।
उदाहरण के लिए, अगर दलित की हत्या या बलात्कार सिख, ईसाई या मुसलमान करता है; या फिर एक दलित दूसरे दलित की हत्या या बलात्कार करता है, तो उसके लिए क्या ब्राह्मणों को दोषी ठहराया जा सकता है?
मेरा अनुमान है कि अगर कोई विश्वविद्यालय के छात्र दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो में जाकर दलितों के विरूद्ध अपराधों के डेटा को खंगाले; ब्यूरो से मांग करे कि अपराधियों की जाति एवं धर्म के बारे में जानकारी दी जाए, तो जो सूचना सामने आएगी वह चौका सकती है।
लेकिन दलितों के विरूद्ध अपराध का दोषारोपण नरेंद्र मोदी की “राष्ट्रवादी हिन्दू” सरकार पे डाल दिया जाएगा।
यही “सत्य” है; तथ्य नहीं। क्योंकि जो सत्य है, आवश्यक नहीं कि वह तथ्य भी हो।
और हम क्या कर रहे है?
हम प्रधानमंत्री मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के पीछे पड़ गए है। यहाँ तक कि त्यागपत्र भी मांग रहे है।
फर्जी आंदोलनकारी एवं देशतोड़क शक्तियां भी पिछले सात वर्षो से यही चाहती है कि किसी तरह अराजकता फैला कर प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता से हटा दिया जाए।
वही प्रधानमंत्री मोदी जो जब नेपाल जाते हैं तो पशुपतिनाथ मंदिर, मुक्तिनाथ मंदिर में माथा टेकते हैं। काशी विश्वनाथ में भगवान शिव की अर्चना करते हैं। गंगा घाट पर आरती उतारते हैं। विदेशों में भारतीय समुदाय से उनकी संस्कृति की बात करते हैं। हमेशा भारत का मान रखा। सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म की नीतियों के अनुसार अपनी बात आगे बढ़ाते हैं।
वही प्रधानमंत्री मोदी जो भारत की धरती पे पले-बड़े, शिक्षा-दीक्षा प्राप्त किये है; एक घुमक्कड़ का जीवन व्यतीत किया है।
चलिए मुझे एक बात की प्रसन्नता है कि पहली बार देशतोड़क शक्तियां एवं तथाकथित राष्ट्रवादी एकमत है।

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