वर्तमान में बॉलीवुड से संगीत के नाम पर पुराने लोकप्रिय गीतों का री-क्रिएशन और पंजाबी एलबम के हिट गीत रैप के लेवल के साथ परोसा जा रहा है। ओरिजिनल में नील बट्टे सन्नाटा है। जबकि साउथ से पुष्पा, ट्रिपल आर के गीत इतने पैरोडी इक्कठा कर ले गए, नाचो, श्रीवल्ली, ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।
बॉलीवुड की म्यूजिक इंडस्ट्री कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाने के फॉर्मेट पर निकल पड़ी है। इसलिए काम-चलाऊ संगीत रखा जाता है। इससे इतर बॉलीवुड के मौजूदा संगीतकारों में प्रीतम चक्रवर्ती सबसे बेहतरीन प्रेम गीत देने वाले रहे है। लाइफ इन मेट्रो, जब वी मेट, ए दिल है मुश्किल, गैंगस्टर, बर्फी आदि के रोमेंटिक नगमे लाजबाव है। दिनभर सुन लो, कोई बोरियत नहीं आती।
तुम से ही….अहा….उम्दा कम्पोजीशन और अद्भुत बोल…शानदार आवाज़ में घण्टों सुनते जाए।
अलविदा और इन दिनों…चुमेश्वरी
मेरे संग तो चल जरा….सुपर्ब
बदलते माहौल ने प्रीतम दा का महत्व खत्म कर दिया है। म्यूज़िक कपनियां ज्यादा बजट रखती नहीं है, इसलिए संगीतकार भी फ़िल्म को छूकर निकल लेते है।
भले प्रीतम दा पर चोरी के आरोप लगते रहे हो। फिर भी अव्वल स्थान पर काबिज है और रिप्लेस नहीं होने तक रहेगें। फ़िल्म के अनुरूप संगीत देते है जो कहानी को रोकते नहीं है।