भारत की नौकरशाही (नीतियां बनाने वाले) के लिए मुख्यतः दो देश आदर्श हैं। चकाचौंध की बात हो तो अमेरिका की नकल उतारना चाहते हैं (कितनी उतार पाते हैं, कैसी उतार पाते हैं या अलग मुद्दा है), देश के लोगों से जुड़ी नीतियों की बात हो तो मुख्यतः चीन की नकल उतारी जाती है, चीन का अनुसरण किया जाता है। मैं समय-समय पर चीन की शिक्षा स्वास्थ्य व अन्य नागरिक व्यवस्थाओं इत्यादि
भारत में शिक्षा नीतियां लगातार तेजी से जिस ओर बढ़ रही हैं, वहां देश के लाखों गांवों के करोड़ों छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्चशिक्षा एक कपोल-कल्पना बनती जा रही है। सरकारी संस्थानों को भी इतना अधिक महंगा कर दिया गया है कि वे सामान्य आर्थिक स्थिति के परिवारों के लिए असंभव सा होता जा रहा है।