Home हमारे लेखकनितिन त्रिपाठी भारत सबसे सुन्दर देश | प्रारब्ध

भारत सबसे सुन्दर देश | प्रारब्ध

Author - Nitin Tripathi

by Nitin Tripathi
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मैं यह दावे के साथ कहता हूँ कि उत्तर में हिमालय से दक्षिण के बैक वाटर तक. पश्चिम में कच का रण से लेकर पूर्व के सुंदर वन तक, ताज महल से महाबली पुरम तक, लखनऊ की भूल भूलैय्या से लेकर दक्षिण में हम्पी तक – भारत में जितनी वराइयटी, सुंदरता और प्रकृति है, पूरे विश्व में कहीं नहीं है.
लेकिन इस सबके बावजूद वैश्विक पर्यटन में भारत कहीं नहीं है. भारत आने वाले अधिसंख्य विदेशियों में भारत के ही विदेशों में बसे नागरिक हैं.
और यह सब नम्बर काउंट करने के बाद भी हर साल भारत आने वाले विदेशी छोटे छोटे देश वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया से भी कम है. अगर ऐक्चूअल फ़ारेन टूरिस्ट पर एरिया या पर कैपिटा देखे जाएँ तो लंका, नेपाल तक भारत से मीलों आगे है. और इसमें कोई सुधार नहीं है, दिन ब दिन सिचूएशन वर्स हो रही है.
मेरी एक फ़्रेंच बैक पैकर से फ़्रेंड शिप थी जिसने पूरा एसिया पैसिफ़िक साइकिल से कवर किया था. मैं फ़्रांस गया तो उसने मेरी ज़बर्दस्त आव भगत की. अपनी गर्ल फ़्रेंड को बता रहा था कि इंडिया में ट्रेवेल करते हुवे एक स्वच्छ टायलेट जिसमें साबुन रखा हो लक्शरी है, वहाँ नितिन ने इतनी अच्छी आव भगत की. मुझे समझ न आ रहा था कि खुश हूँ या दुखी.
अब आप खुद सोंचिए एक विदेशी पर्यटक यदि लखनऊ में भूल भूलैय्या देखने जाए तो उसके लिए पाँच सौ का टिकट है. गाइड को फ़ुल छूट है कि वह ज़बरदस्ती टिप तय करे. वह हज़ार से पाँचहज़ार माँगते हैं बताते हैं कि जो आपने पैसा दिया वह वक़्फ़ बोर्ड ग़रीबों को खाना खिलाने में खर्च करता है. फ़िर गर्मी हो या सर्दी चप्पल उतार नंगे पैंर टहलना है. सर ढक कर.
साथ ही लेक्चर भी सुनना पड़ेगा कि उनकी सभ्यता घटिया क्यों और मज्जबी सभ्यता सर्वश्रेष्ठ क्यों. भूल भूलैय्या घुमाने के नाम पर बताया जाएगा कि उनका मज्जब बहुत महान है. एक फ़ोटो तक न खींचने दी जाएगी. गाइड इक्का दुक्का जगहों पर अपने हिसाब से बताता है यहाँ खींच लो चुपके से – मैं फ़ेवर कर रहा हूँ. अंत में ज़बरदस्ती शॉपिंग भी कराने की कोशिश की जाएगी. सब मिला कर सौ डालर खर्च हुआ, बेज्जती अलग की जाएगी कि वह अनकल्चर्ड हैं.
और ऊपर से शर्मनाक यह हो कि जनसंख्या के अधिकतर लोग पर्यटकों से ऐसे व्यवहार को उचित मानते हों. आप स्वयं बताएँ आपके साथ किसी देश में ऐसा हो रहा हो आप कितने उत्सुक रहेंगे उस देश जाने को. भारत एक ईश्वर प्रदत्त देश है. यह हमारे और आपके हाथ में है हम इसे वाक़ई ईश्वर प्रदत्त देश के रूप में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करें या फिर एक एक्षत्रीम भेद भाव पूर्ण आपराधिक समाज के रूप में.

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