Home राजनीति मुबारक हो टोटका बहुत खूबसूरत है

मुबारक हो टोटका बहुत खूबसूरत है

Satish Chandra Mishra

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नूपुर और नवीन की आड़ में किए गए पाप के ताप की आंच असहनीय हो गयी। नड्डा जैसों की तो बिसात क्या… उस ताप के समक्ष खुद प्रधानमंत्री का प्रताप भी फीका पड़ने लगा। सोशलमीडिया वाले प्रचंड समर्थकों तक के मठ और खेमे आक्रोश से उबलने लगे। राष्ट्रीय मान सम्मान स्वाभिमान को ताख पर रख कर वेतनभोगी आईटी सेलिया लंपटों द्वारा फैलाए उड़ाए गए “अरबी” दबाव सरीखे निर्लज्ज निकृष्ट बहानों ने भी कुछ ही घंटों में दम तोड़ दिया।
फूले हुए हाथपांव वाले कुटिल नवरत्नों ने एक सुपर डुपर टोटका आजमाने का आपातकालीन आइडिया घरमंत्री जी के सामने उसी तरह परोस दिया। जिस तरह “खून पसीना” फ़िल्म में रेखा के सामने अमिताभ बच्चन ने चवन्नी उछाल कर दिल मांग लिया था। अपने बहुत भारी घरमंत्री जी भी उस आइडिये पर इतना रीझ गए, उनका दिल उस आइडिये पर इस कदर आ गया, आइडिया उन्हें इतना जंच गया कि आव देखा ना ताव…. बस तुरुप का पत्ता समझकर उस जोकर आईडिया को इतनी जोर से पटक कर फेंका कि न्यूजचैनलों के सिंहासन हिलने लगे, शाम से देर रात तक होने वाली न्यूजचैनली पंचायतों और प्रपंचों में हाहाकार मचने लगा। न्यूजचैनलों के विदूषक 70 के दशक की कैबरे डांसरों की तरह उत्तेजना से थरथराते हुए जोश खरोश के साथ चीखने चिल्लाने लगे। ऐसा लगा मानो घरमंत्री जी ने बहुत बड़ी किरान्ति कर दी है। और तब देश को पता लगा कि घरमंत्री जी ने तो पहाड़ पलट दिया है। शिवलिंग का अपमान करने और Hate फैलाने के जुर्म के लिए सबा नकवी से लेकर ओवैसी तक के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसी के साथ आईटी सेलिया लंपटों विदूषकों के डमरू बजने लगे कि वाह… वाह… कमाल हो गया…!!!
अब अधीर या उतावले मत हो जाइएगा। इन लंपटों से यह मत पूछिएगा कि FIR पर कार्रवाई कब होगी.?
सूची तो बहुत लंबी है लेकिन केवल 2 तथ्यों का उल्लेख किए देता हूं, आपकी समझ में यह आ जाएगा कि कैसी कार्रवाई कब होगी।
सवा दो साल पहले तबलीगी ज़मात वाले मौलाना साद के खिलाफ भी दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज कर चुकी है। यह अलग बात है कि उसके आगे की दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की प्रतीक्षा देश आज भी कर रहा है।
गज़ब देखिए कि सबा नकवी कुछ दिन के अवकाश की घोषणा के साथ दो दिन पहले ही ट्विटर से विदा ले गयी है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनेवाली है, इस टोटके की सूचना शायद दो दिन पहले ही किसी फ़रिश्ते ने उस तक निश्चित रूप से पहुंचा दी। अस्थायी रूप से ट्वीटर छोड़ने से पहले वो बहुत अच्छी अच्छी बातें लिख कर गयी है। किसी कार्रवाई से दो दिन पहले ही उस कार्रवाई का असर होते हुए आपने पहले कब और कहां देखा.? यह सोचते रहिए, खोजते रहिए… बिल्कुल उसी तरह जिस तरह घरमंत्री जी की दिल्ली पुलिस मौलाना साद के बारे में सवा दो साल से सोच रही है, उसे खोज रही है…
फिलहाल मैं निश्चिंत हूं कि आईटी सेलिया लंपटों के बौराने के लिए तथा घरमंत्री और नवरत्नों का मन बहलाने के लिए यह टोटका बढ़िया है। लेकिन इससे कोई भला नहीं होगा।

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