एनडीटीवी ने मुसलमानों की धमकी से डरकर एक सामान्य सी तस्वीर को फौरन हटा लिया था। हिन्दूओं के साथ ऐसी कोई बात नहीं है। यही भारत का ‘सेकुलरिज्म’ है।
जब भी कोई हिन्दू अपने अधिकारों की बात करता है। जब वह कहता है कि नमाज के नाम पर रास्ता बंद मत करो। अल्लाह को याद करने के लिए दूसरों की जिन्दगी जहन्नूम बनाने की क्या जरूरत है? वह अल्लाह है, उसे सब पता है कि तुम उसे कितना याद करते हो और कितना उसके बताए पर चलते हो। उसके पास सारा हिसाब है।
कम शब्दों में जब कोई हिन्दू गलत को आगे बढ़कर गलत कहता है। उसे निष्पक्ष पत्रकार ‘सेकुलरिज्म पर हमला’ कहते हैं।
(उंगलबाज.कॉम, हमारी विश्वसनीयता संदिग्ध है)