मैं बुलडोजर के पक्ष में बिल्कुल नहीं हूँ!
आप को यह बात अजीब लगेगी क्योंकि हूँ तो महाराज जी का चाहनेवाला। लेकिन ऐसे कहने का कारण भी बताता हूँ, बाद में आप की इच्छा।
एक कारण यह भी है कि बूलड़ोज़र के विडिओज का उपयोग चन्दा उगाही के लिए होगा कि देखिए हमारे मासूम मजलूम भाइयों पर कितना ज़ुल्म हो रहा है कि इनको नजिस (गंदे) काफिरों पर जुल्म करने से रोका जा रहा है। आप को यह तो पता ही होगा कि इस्राइल पर छोड़े गए रॉकेट का जवाब इस्राइल जहां से रॉकेट आया वहीं जवाबी रॉकेट दाग कर देते हैं, और उनका रॉकेट अधिक पावरफुल होता है। इसलिए ये अपने रॉकेट नागरी एरियाज में भी स्कूल अस्पताल जैसी जगहों से छोड़ते हैं ताकि जवाबी रॉकेट आए तो ये उससे मारे गए सिविलियन्स के शव दिखाकर रोना धोना मचाते हैं, स्कूल या अस्पताल तोड़े जाने पर छाती पीटते हैं ताकि दुनिया इस्राइल के खिलाफ हो जाएँ।
कुछ अरसे तक ये सफल भी रहे लेकिन इस्राइल ने इनके झूठे प्रचार का भी जवाब दिया। और कम से कम वहाँ की मीडिया बिर्यानी पर बिकती नहीं। उन्होंने भी दिखाया कि हमपर रॉकेट जहां से आता है वहीं हमारा रॉकेट जाता है। सेना से सेना लड़े यह रिवाज है लेकिन ये सिविलियन्स को ढाल बनाकर वार करेंगे तो हम जवाब देंगे। (गायों के पीछे छुपकर सेना के आने की बात इसीलिए कल्पित कहानी नहीं लगती, क्योंकि इनका यह कमीनापन आज भी बैसा ही है)
आज अफगानिस्तान के लिए याचना करनेवाले विडिओ चलाए जा रहे हैं। “टेन मिलियन अफ़गान्स” को आप की मदद की जरूरत है। भाई, यह आफत उनके अपनों द्वारा उनपर लादी गई है, इसका क्या ? तालिबान सरकार के लिए एक लफ़्ज़ नहीं निकलता मियां की जुबान से। येमेन में युद्ध से परेशान लोगों के लिए चन्दा मांगते समय जिससे युद्ध हो रहा है उस पड़ोसी सऊदी का नाम नहीं लिया जाता। लेकिन चन्दा मांगा जाता है जरूर।
पलेस्टाइन के लिए चन्दा मांगते समय इस्राइल को बदनाम किया ही जाता है। पहल आप ने की तो क्या हुआ, गाली तो यहूद को ही खानी है, बोल लिखकर गए हैं। यहाँ हम भी काफिर हैं तो ये अपनी पहल का नाम भी नहीं लेंगे। बस काफिर हम पर ज़ुल्म कर रहे हैं जी, हमें उनसे लड़ने के लिए चन्दा भेज दो जी।
इसलिए मुझे बुलडोजर अच्छे नहीं लगते। अब इसपर कोई पूछे कि तो फिर इनका इलाज कैसे हो ?
इसका उत्तर बहुत ही आसान है। क्या आप उनके मोहल्लों में जाकर इस तरह का उपद्रव, पत्थरबाजी, आगजनी करते हैं ? नहीं ? क्यों नहीं ?
इस “क्यों नहीं” का उत्तर आप को मालूम है, और वही सही उत्तर है अपने एरिया को उपद्रवों से सुरक्षित रखने का। क्योंकि योगी जी को अन्य जिम्मेदारियाँ भी संभालनी होंगी और सब से बड़ी बात, वे मनुष्य हैं तो मर्त्य भी हैं।
इसलिए सरकररी बुलडोजर से अधिक, तगड़े प्रत्युत्तर का डर ही कारगर रहेगा। इस डर के कारण हमले नहीं होंगे तो झूठे एकतरफा प्रचार के मौके भी नहीं मिलेंगे।
बाकी, स्वस्थ रहना है तो नियमित व्यायाम, खाने में पथ्य कुपथ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। जैसे हमेशा कहता हूँ, डायाबीटीस का इलाज मिठाई और चॉकलेट से नहीं हो सकता।