यूपीए की सरकार में घोषणापत्र सिर्फ जारी करने के लिए होता था। वह चुनाव से पहले जारी होता और फिर चुनाव तक कोई घोषणा पत्र पर बात नहीं करता ।
जब नया घोषणापत्र कांग्रेस जारी करती थी तो कोई पिछले घोषणापत्र पर सवाल भी नहीं करता था।
यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी है कि अब लोग उनके काम काज को घोषणापत्र से मैच कर रहे हैं। लोग देख रहे हैं कि क्या वाद किया था और कितना पूरा किया ?
श्रीराम मंदिर बनाना सिर्फ भाजपा के घोषणापत्र में था। अब श्रीराम मंदिर यदि अयोध्या में बन रहा है तो विपक्ष को यह क्रेडिट बीजेपी को देने में क्या मुश्किल आ रही है।
संभावना मथुरा में है। यदि रालोद-सपा-कांग्रेस या आम आदमी पार्टी में साहस है तो कहे कि मथुरा में हम मंदिर बनाएंगे। भव्य श्रीकृष्ण का मंदिर बनेगा। देश क्रेडिट देने को तैयार है लेकिन यह साहस जुटाना कोई इंदिरा—नेहरू परिवार से कांग्रेस के अध्यक्ष चुने जाने जैसा आसान नहीं है। इसलिए लोग उत्तर प्रदेश में योगी को लाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि कोई तो है जो बिना लाग लपेट के बात कर रहा है। बिना ‘वोट बैंक’ की चिन्ता किए।