कल योगी जी का पर्चा दाखिला था। संयोग से मैं गोलघर की एक कपड़े की दुकान पर कुछ कपड़े खरीद रहा था। मेरे बराबर में एक सज्जन एक सफेद जैकेट पहन कर आईने से पूछ रहे थे कि “कैसा लग रहा हूं मैं?” मुझे कुछ देर में महसूस हुआ कि आईने के साथ एक अदद आदमी भी चाहिए होता है जो सामने वाले के कान में कुछ कर्णप्रिय बोल दे। सो मैंने बोला- “बहुत सुन्दर लग रही है आप पर जैकेट।” प्रसन्नता उपरांत मैंने उनके मुखमंडल पर स्वाभाविक प्रसन्नता देखी। उन्होंने आगे बढ़कर बताया कि जैकेट तो तमाम है लेकिन ससुराल में शादी है इसलिए सफेद जैकेट खरीदने का मन बनाया। अब मैंने और गहरी प्रशंसा झोंकी। मैंने कहा कि चुनाव का वक्त है शहर भी शिमला बना हुआ है इसमें आपकी सफेद जैकेट! कयामत है बस।