Home अमित सिंघल राहुल-प्रियंका, अखिलेश इत्यादि उन धनी किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे है जिन्होंने भिंडरावाले की फोटो वाली शर्ट पहनी हुई थी।

राहुल-प्रियंका, अखिलेश इत्यादि उन धनी किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे है जिन्होंने भिंडरावाले की फोटो वाली शर्ट पहनी हुई थी।

अमित सिंघल

by अमित सिंघल
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प्रधानमंत्री मोदी ने इन को जवाब कैसे दिया?
उन्होंने 6 अक्टूबर को बताया कि भारत के 100 किसानो में से 80 छोटे किसान है, जिनकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया, कुछ ही मुट्ठी भर किसानों की चिंता की गई। आज खेती की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में पैसा भेजा जा रहा है। उन्होंने छोटे किसानों के हक के लिए पूरी ताकत लगाई है जिसके कारण छोटे किसानों का उन्हें आशीर्वाद मिलता रहता है। मोदी जी ने विश्वास व्यक्त किया कि जब “मेरा” छोटा किसान मजबूत हो जाएगा, तब देश को कोई फिर दुर्बल नहीं कर सकता है। कोरोना काल के बावजूद अभियान चलाकर उन्होंने 2 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं। पशुपालन करने वालों, मछली पालन करने वालों को भी इससे जोड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अकेले इसी सप्ताह में मध्य प्रदेश के 3 हज़ार गांवों के 1 लाख 70 हज़ार से अधिक परिवारों को – जिनके पास अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं थी – प्रॉपर्टी के स्वामित्व के रजिस्ट्री पेपर वितरित कर दिए; उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 75,000 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित घरों की चाबियां सौंपी; और उत्तराखंड में बताया कि आजादी से लेकर 2019 तक सिर्फ 3 करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद केवल दो वर्षो में 5 करोड़ अतिरिक्त घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। यानि पिछले 7 दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है। वो दिन दूर नहीं जब देश की किसी भी बहन-बेटी को पानी लाने के लिए रोज़-रोज़ दूर-दूर तक पैदल चलकर नहीं जाना होगा।
प्रधानमंत्री महोदय ने जानकारी दी कि 2014 से पहले जो सरकार थी, उसने देश में शहरी आवास योजनाओं के तहत सिर्फ 13 लाख मकान ही मंजूर किए गए थे, जिसमे से केवल 8 लाख मकान ही बनाए गए थे। 2014 के बाद से मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण की मंजूरी दी है और इसमें से 50 लाख से ज्यादा घर बनाकर, उन्हें गरीबों को सौंपा भी जा चुका है।
2017 से पहले पीएम आवास योजना के तहत यूपी के लिए 18 हजार घरों की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन (अखिलेश) सरकार ने 18 घर भी बनाकर नहीं दिए। जबकि योगी सरकार ने यूपी में शहरी गरीबों को 9 लाख घर बनाकर दिए गए हैं एवं 14 लाख घर निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं। साथ ही, घर में बिजली, पानी, गैस, शौचालय जैसी सुविधाएं भी मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनके शासन काल में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले तीन करोड़ परिवारों को (भारत में लगभग 25 करोड़ परिवार है) पक्का घर मिल गया है जिससे वे (घर की कीमत के कारण) लखपति बन गए।
अब तक 29 करोड़ लोगो को करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपए की राशि मुद्रा योजना के अंतर्गत दी जा चुकी है। 25 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी के उद्यमियों को बैंक से लोन मिल चुका है। कोरोना काल में 80 करोड़ से अधिक लोगों के लिए मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। 8 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्रों पर सस्ती दवाइयां मिल रही हैं।
दूसरे शब्दों में, अराजक तत्व भिंडरावाले की फोटो वाली शर्ट पहने हुए “किसानो” की राजनीति कर रहे है जबकि प्रधानमंत्री मोदी देश की निर्धन, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली जनता एवं 80% लघु किसानो को घर का स्वामित्व, बैंक लोन, नल से जल, बिजली, टॉयलेट, गैस इत्यादि दे रहे है। धनी राजनेताओं की आँखों से दूर, एक तरह से अदृश्य, इस निर्धन एवं वंचित समाज को स्वतंत्रता के बाद पहली बार मूलभूत सुविधाएँ दे रहे है।
तभी प्रधानमंत्री मोदी को इन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली जनता एवं 80% लघु किसानो, पशुपालन – मछली पालन करने वालों का आशीर्वाद मिलता रहता है।
भिंडरावाले समर्थक अराजकता फैला रहे है; प्रधानमंत्री मोदी जनसेवा कर रहे है।
विभाजन रेखा स्पष्ट होती जा रही है।

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