सपा इकतरफा जीत रही है
कुछ मित्रों की मनोकामना तो भली है कि सपा इकतरफा जीत रही है। पर क्या सचमुच ? कृपया मुझे यह कहने की अनुमति दीजिए कि इस बार भी किसी सूरत अखिलेश यादव की सरकार नहीं बनने जा रही। समय की दीवार पर लिखी इबारत फ़िलहाल यही है। आप मानिए , न मानिए , यह आप की मर्जी है , आप का विवेक है। लेकिन तथ्य यही है। सच यह है कि भाजपा क्लीन स्वीप कर रही है। और कि देश , संविधान और लोकतंत्र सब कुछ बचा रहेगा।
वैसे अखिलेश यादव मेहनत भी बहुत कर रहे हैं। लेकिन सपा की गुंडई , यादववाद , मुस्लिम तुष्टिकरण का उन का इतिहास , उन का पिंड नहीं छोड़ रहा। अखिलेश सरकार के फिर से गठन में अखिलेश का पुराना कार्यकाल ही सब से बड़ा बैरियर है। टोटी , टाइल की उन की उपलब्धि भी ग़ज़ब है। एक टोटी को देखा तो ऐसा लगा गीत उन का पीछा कर रहा है। तिस पर ओवैसी हिजाब की किताब ले कर आ गए हैं। सपा से नाराज मुसलमान कांग्रेस , बसपा की तरफ जाने की बजाय ओवैसी की तरफ जा रहे हैं।
तमाम सपाई और कामरेड मित्र और उन के प्रशंसक मेरी इस बात से एक प्रतिशत भी सहमत नहीं होंगे , यह अच्छी तरह जानता हूं। पर यह मित्र लोग अपनी फ़ेसबुक वाल से , अपनी सुविधा से गढ़े हुए मित्रों की दुनिया से , अपनी मनोकामना से , अपने घेरे से , बाहर निकल कर कुछ नितांत अपरिचित लोगों से सार्वजनिक जगहों पर अगर मिलेंगे , बार-बार मिलेंगे तो सचाई सामने दिखेगी। दिख जाएगी।
यह मुफ्त बिजली , पेंशन आदि सब बहकावा है। कोई सरकार नहीं दे सकती। यह दिल्ली नहीं , उत्तर प्रदेश है। 30 करोड़ की आबादी को मुफ्त बिजली , लाखों करोड़ रुपए का खेल है। किसी सरकार के लिए मुमकिन नहीं। पेंशन भी दो लाख करोड़ का मामला है। कोई सरकार इस के लिए पैसा लाएगी कहां से ? पेंशन तो एक बार फिर सोची भी जा सकती है। पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली मुंगेरी लाल का सपना है।
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