Home विषयचिकित्सा जगत समाज एक वेश्या है
गंजापन सिर्फ किसी तात्विक कमी की ही नहीं बल्कि यह बुद्धिमता और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की भी निशानी है…..
वो लड़के जो अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं अपने पिता की इच्छा पूरी करने में, जिनकी आंखें दिन भर गड़ी रहती हैं किताबों में….
कभी खुशी, कभी अफसोस के साथ जीवन में आगे बढ़ते चले जाते हैं…
यदि अधिकारी बन गए तो ठीक ,
सब उनके हितैषी बन जाते हैं, उनकी सारी कमी भूल कर लोग उनसे अपना हित सधवाने लगते हैं ……
मैं समाज को अक्सर एक शब्द में परिभाषित करती हूँ “वैश्या”.. जी बिल्कुल हां समाज एक वेश्या ही है जो मजबूत और धनी बाँह सदैव पकड़ने को आतुर रहता है ..!
यह समाज शक्ति देखते ही अपनी मान्यता बदल देता है और जहाँ शक्ति नहीं होती वहाँ यह समाज तनिक भी महत्व नहीं देता।
गुंडों के लिए अपनी कुर्सी छोड़कर उठ जाने वाले लोग और किसी सीधे सादे मनुष्य को कुत्ते के बराबर भी भाव न देने वाला समाज क्या है किससे छिपा है..
पर आप इससे प्रश्न नहीं कर सकते, लाख दोषी होने के बाद भी ये समाज आप से ही प्रश्न करेगा..!
गंजा पन भारत में हीनता का विषय है वही “रॉक” को देखकर आहें भरती हैं माइडम लोग..

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