Home विषयसामाजिक सूरज बड़जात्या की ऊचाई में है कितनी ऊचाइयाँ : Film Review

सूरज बड़जात्या की ऊचाई में है कितनी ऊचाइयाँ : Film Review

by Sharad Kumar
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नदिया के पार , हम आपके है कौन , विवाह , एक विवाह ऐसा भी , प्रेम रतन धन पायो जैसी पारिवारिक फिल्म बनाने वाली राजश्री प्रोडक्शन ने सात साल बाद एक बार ऊचाई फिल्म से फिर से सिनेमा में वापसी की है , सूरज बड़जात्या जी ने सात साल पहले प्रेम रतन धन पायो बनायीं थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन किया था सात साल बाद एक बार फिर से सूरज बड़जात्या जी ऊचाइयाँ लेकर आये है जिसने ये साबित कर दिया है की फिल्म अगर सही से बनायीं जाए तो आज भी हम अपनी सभ्यता को बरकरार रख सकते है

 

खैर ऊचाई फिल्म है चार दोस्तों की (अमिताभ बच्चन , डैनी डेन्जोप्पा , अनुपम खेर , बोमन ईरानी ) जो अपनी ढलती उम्र और बीमार होते हुए भी एक बार पहाड़ो की चढ़ाई चढ़ना चाहते है और एक ट्रिप पर निकल पड़ते है लेकिन रास्ते में ही डैन डेन्जोप्पा की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है और अब उनके मरने के बाद भी अमिताभ बच्चन उनकी आखिरी इच्छा पूरी करना चाहते है और हिमालय पर चढ़ कर उनकी अस्थि वही विसर्जित करना चाहते है इसमें उनकी सहायता करती है उनकी कोच परणिति चोपड़ा जिन्हे अलग अलग जगहों पर जाना पसंद है और हाई क्लिम्बिंग करना भी पर परणिति चोपड़ा के घर वालो को यह पसंद नहीं है तो उन्होंने अपने घर को ही छोड़ दिया है अब क्या होता है क्या क्या प्रॉब्लम फेस कर के यह तीनो दोस्त अपनी मंजिल को पाते है यह कहानी है ऊचाई की

 

अगर फिल्म के कलाकरो की बात करे तो फिल्म में अनुपम खेर , बोमन ईरानी , अमिताभ बच्चन , नीना गुप्ता , सारिका , डैनी डेन्जोप्पा , परणीति चोपड़ा है सबने जबरदस्त एक्टिंग की है यह फिल्म फॅमिली फिल्म है हमेशा की तरह फिल्म के गाने अच्छे बन गए है और यह फिल्म आज की युवा पीढ़ी से लेकर जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी के साल पार कर लिए है सबको कई बार रुलाती है  फिल्म को IMDB ने 8.5/10 की रेटिंग दी है और हम इस फिल्म को 3.5 की रेटिंग दे रहे है इसके अच्छे कंटेंट की वजह से

कुल मिलाकर अगर बात करे तो एक बहुत अच्छी फिल्म है हर पीढ़ी के लोगो को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए और अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग जैसे नानी नाना , दादा या दादी है तो उनको यह फिल्म जरूर दिखाइए यकीन मानिये यह फिल्म उनके लिए बेस्ट ट्रीट या गिफ्ट से कम नहीं होगी उनके लिए युवा पीढ़ी को इस फिल्म को इसलिए देखना चाहिए क्यूंकि इसमें ज़िन्दगी को जीने के असली मायने और तरीके को दिखाया है की कैसे अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में होते हुए भी कुछ लोग जीना नहीं छोड़ते और दोस्ती या दोस्तों के लिए मिसाल कायम करते है

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