Home राजनीति अटूट_नाता
खालिस्तानवादी अपने पाकिस्तानी आकाओं और कनाडाई डॉलर्स के दम पर चाहे जितना दम लगा लें इस स्तम्भ को उखाड़ नहीं पाएंगे जिसे स्पर्श कर यह सिंह साहिबान पुलकित हो रहे हैं।
यह स्तंभ प्रतीकात्मक अंकन है उस स्थान का जहाँ मंदिर में श्रीरामलला विराजमान होंगे।
क्या ही संयोग है कि रामजन्मभूमि मुक्ति के प्रयास में पहली एफ आई आर निहंगों के विरुद्ध हुई थी और आज उन धर्मयोद्धा निहंगों की आत्मा इन दोंनों सिंह साहिबान के माध्यम से अपने गुरु नानक के आदिपूर्वज के जन्मस्थल को पुलकित होकर प्रणाम कर रही हैं।
सुन लो खालिस्तानवादियों, चाहे जितना जोर लगा लो लेकिन गुरु नानक के आदि पूर्वज महाराज लव के पिता, दशरथ पुत्र श्रीराम को न तो श्रीगुरूग्रंथसाहिब से निकाल पाओगे और न सच्चे सिख के ह्रदय से।

Related Articles

Leave a Comment