Home नया भेड़िया आया
आप सभी ने यह कहानी सुनी ही होगी कि एक लड़का बार बार ‘भेड़िया आया’ चिल्लाता था और गांव वाले दौड़कर आते थे और वह बेशर्मी से हँसकर बोलता कि चैक कर रहा था।
नतीजा यह हुआ कि जब वास्तव में भेड़िया आ गया और तब उसके चीखने चिल्लाने पर भी कोई नहीं आया क्योंकि उसकी बातों की विश्वसनीयता खत्म हो गई।
जन्मनाजातिवादियों के ‘डेढ़ (1.5) समूह’ द्वारा एक दूसरे के ईगो मसाज करने के प्रक्रम में दिन प्रतिदिन झूठी कहानियां इतिहास के नाम पर गढ़ी जा रही हैं। जैसे—
– तथाकथित योद्धान तक्षक की कथा जिसने अरबी मुस्लिमों को भगाया।
-सिकंदर का सामना करके उसे हराने वाली तथाकथित राजकुमारी की कथा।
-शक आक्रांता राजा के विरुद्ध मगध के किसी लड़के की कथा।
-शुभ्रक घोड़े की कथा।
-हुमायू के शरणदाता राजपूत राजा द्वारा हुमायूं से धोखा करके उसकी बीवी से संबंध जिससे अकबर का जन्म हुआ।
-पोरस के विरुद्ध सिकंदर द्वारा तोपों का प्रयोग और फिर भी पोरस द्वारा उसे धूल चटा देना।
ये सारी कहानियां मनगढ़ंत और व्हाट्सएप व फेसबुक पर मीम बनाने के स्तर के लोगों द्वारा गढ़ी गई हैं।
आपको अगर खिल्ली उड़ाकर ही संतुष्टि मिलती है तो मध्यकाल पर मान जी की तरह प्रामाणिक लेखन को और प्राचीन काल में अजीत प्रताप सिंह जी पर भरोसा कर सकते है।
अतिगंभीर इतिहास के लिए आदरणीय डॉ भगवान सिंह जी, आदरणीय कमलकांत त्रिपाठी जी पर भरोसा कर सकते हैं।
किसी भी ऐतिहासिक कथा पर इसलिये भरोसा मत कीजिये कि उससे आपके अहं को संतुष्टि मिल रही है वरना आपके बच्चे भी कल आपके ज्ञान को झूठा ठहरायेंगे और आप भेड़िया पुकार मचाते रह जाएंगे।
इनसे आपको सावधान रहना है वरना इनको सुनकर बड़े हुए आपके बच्चों को जब पता लगेगा कि अब तक सुनाई गई सारी बातें झूठी काल्पनिक थीं तो उनका वास्तविक इतिहास से भी भरोसा उठ जाएगा जैसे अब वामपंथी इतिहासकारों की किसी भी बात का कोई भरोसा नहीं करता।

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