Home राजनीति इजरायल द्वारा बिल्ली घेरना
एक बार मेरे पिता ने मुझे बहुत डांटा था जब एक बार एक शरारती बिल्ली को कमरे में घेरकर उसकी संटी से पिटाई की।
उनका कहना था कि एक छोटा सा रास्ता बिल्ली के लिए ऐसा छोड़ना चाहिए जो उसे दिखता तो रहे पर निकल न सके वरना बिल्ली आक्रामक होकर गले में दांत गड़ाने के लिए प्रतिआक्रामक हो सकती है, जो हमें मंहगा पड़ सकता है भले ही बाद में बिल्ली को मार दिया जाए।
इजरायल हमास को लेकर एक गंभीर गलती कर रहा है। वह हमास को बचने की उम्मीद का एक झरोखा नहीं दे रहा, ऐसे में वह सोचेगा ही सोचेगा कि मरना ही है तो इजरायल की गंभीर क्षति करके मरा जाए।
वस्तुतः इजरायल को यू एन के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष सीधे-सीधे एक प्रस्ताव रख देना चाहिए–
“हमास का नेतृत्व अपने पूरे काडर समेत इजरायल के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दे तो उसी पल इजरायल अपना ऑपरेशन रोक देगा।”
परिणाम:-
1)पूरे विश्व का नैतिक समर्थन और सैन्य कार्यवाही का नैतिक आधार इजरायल को स्वतः प्राप्त हो जाएगा क्योंकि हमास इस शर्त को कभी नहीं मानेगा।
2) त्रस्त फलस्तीनी जनता का दवाब हमास पर बढ़ जाएगा और संभवतः फलस्तीनी लोग ही हमास के खून के प्यासे हो जाएं। यहाँ तक कि हो सकता है हमास में ही फूट पड़ जाए।
3)अरब देशों में सऊदी अरब और यू ए ई को ईरान को घेरने और उसकी खिलाफत का मौका मिल जाएगा जिससे ईरान अरब जगत में अलग थलग पड़ जायेगा।
4)भारत जैसे इजरायल समर्थको को खुल कर इजरायल के समर्थन में आने का नैतिक आधार मिल जाएगा।
5)और अगर हमास समर्पण कर भी दे तो उसका पूरा आधार खत्म हो जाएगा और फिर उसके सदस्यों का क्या हो वह इजरायल तय करेगा या यहोवा।
बिल्ली को बंद कमरे में नहीं घेरना चाहिए, उसे एक दरार दिखती रहनी चाहिए।
हमास को बिना शर्त आत्मसमर्पण का मौका मिलना चाहिए।
इजरायल हिंदी में और Narendra Modi जी, कृपया मेरी बात इजरायली थिंक थैंक तक पहुंचा दें तो यह इजरायल के प्रति मेरा सबसे बड़ा सहयोग होगा।

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