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एक पिक अप कार में एक इजरायली महिला को लगभग नग्न अवस्था में अपने पैरों से दबाए कुछ हमास के आतंकवादी हैं,और उनके इस कृत्य का”अल्लाह हू अकबर” के नारों से समर्थन करती एक भीड़ है..
एक भीड़ जिसमें औरतें भी हैं और बच्चे भी..
वो बच्चे उस औरत के शरीर को नोच रहे हैं अपने हाथों से..
उन बच्चों की माताएं उन्हें ये करने दे रही हैं..
रोक नहीं रहीं,बल्कि वो भी इस कृत्य पर झूम रही हैं..
जिस महिला को फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा गाजा की ओर ले जा रहे एक पिक-अप ट्रक के पीछे वीडियो में देखा गया था,उसकी पहचान कर ली गई
30 वर्षीय शनि लॉक एक जर्मन नागरिक थी,उसका इजरायल से कोई संबंध नहीं था,वो गाजा सीमा बाड़ के पास आयोजित शांति के लिए संगीत समारोह में भाग लेने के लिए इज़राइल गई थी।
शनि लॉक “शांति के उत्सव” में शामिल होने गई थी और वहां उसके साथ “शांति के मजहब” के नाम पर,
बार बार बलात्कार किया गया,और बाद में उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर संसार भर के जेहादियों ने उसको मारने और मार कर पुनः बलात्कार करने,उसकी मृत देह पर पेशाब करने और उसके जहन्नुम की आग में जलने की दुआ मांगी।
कई गैर मुस्लिम महिलाओं के साथ ये हुआ भी,उन्हें सेक्स स्लेव बना लिया गया है अभी,कइयों को मार दिया गया है और उनके शरीर के साथ बलात्कार हुआ है,कई अस्पताल में सदमें में हैं,शॉक लगने के कारण निर्जीव सी अवस्था में पहुंच गईं हैं।
250 से 300 गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को इसी तरह चुन चुन कर,क्रूरता से मारा जा रहा है,और भारतीय मुसलमान समेत,बॉलीवुड और राजनैतिक पार्टियों के सेलेब्स फिलिस्तीन के साथ हैं,तुर्की,पाकिस्तान,यमन सऊदी में जश्न मनाया गया है,भारत के मुस्लिम इलाकों में पटाखे फोड़े गए हैं,और अब जब इज़रायल जवाब देना आरंभ कर रहा है तो इस वक्त मक्का मदीना में गाज़ा के लिए मुस्लिम समुदाय दुआ करने बैठ गया है..
मानव इतिहास ने ये बार बार देखा है कि संसार में इस्लाम नाम का एक मात्र पंथ ऐसा है,जो युद्ध की विभीषिका में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध को उत्सव रूप में मनाता है..
ये कृत्य कोई नया नहीं है हम सनातनी भारतीयों के लिए।
बिलकुल नहीं,हमें ये देखकर शॉक नहीं लगता अब,क्योंकि ये हमने बार बार होते देखा है,इस्लामिक क्रूरता देखनी की
आदत सी हो गई है..
हमारे सनातन इतिहास में जिन राक्षसों,पिशाचों आसुरी शक्तियों का विवरण मिलता है,वो इन्हीं के पूर्वज लगते हैं
ऐसा क्यों कह रहा हूं उसे समझिए
राक्षस धर्म..
शुक्राचार्य द्वारा स्थापित संप्रदाय जिसकी रचना नरसंहार के लिए ही हुई है..पिशाचों और आसुरी शक्तियों का ये अनुकरण और पूजन करते हैं,और हमेशा काम वासना में लिप्त रहते हैं,अपनी ही मां,बहन,बेटी,पोती,नतिनी,भांजी,भतीजी,भाई की पत्नी,मित्र की पत्नी,बहु सबके साथ संबंध बनाने के खयाल दिन रात इनके दिमाग में घूमते रहते हैं,जब महिला नहीं मिलती तो पुरुष के साथ,और पुरुष नहीं मिलते तो छोटे लड़कों के साथ,वो नहीं मिलते तो जानवरों के साथ ये जबरदस्ती संभोग करने को तैयार होते हैं और इनकी किताब में उसे ये सही माना गया है..
मृत देह को कब्र से निकाल कर बलात्कार करने वाले पिशाच ही हैं ये,और ये ही इनका धर्म है,आप जितना पिशाचों और आसुरी गुणों के बारे में पढ़ेंगे उतना आपको इस्लाम समझ आएगा,इस्लाम में असुरों की भांति ही शत्रु पर किसी भी प्रकार विजय प्राप्त करना सही बताया गया है,शत्रु की पत्नी,बच्ची को सेक्स स्लेव बनाने की शिक्षा भी असुरों की भांति ही दी गई है,असुर यज्ञ पूजा पाठ में विघ्न डालते थे,ये शोभा यात्रा पर पत्थर फेंकते हैं और थूकते हैं,ये असुरों की भांति ही सनातनियों के भोजन में,
अपना थूक मिलाते हैं..
वो कहेंगे ये कोरी कल्पना है
तो आप मुगल आक्रमणकारियों की क्रूरता बताना
मुगलों के हर आक्रमण में ये ही हुआ था..
वो कहेंगे “अरे वो इतना पुराना इतिहास था
उसे क्यों कुरेदते हो..”
तो आप स्वतंत्रता के समय हुए दंगों और हिंदुओं के नरसंहार की बात करना,बताना
1947–1948 में भी ये ही हुआ था..
वो कहेंगे
“अरे तुम हम तब पैदा भी नहीं हुए थे
तुम्हें क्या पता”
ठीक है 1990 में तो तुम थे न?
या उसे भी भूलने को कहोगे..
क्योंकि तुम्हें 2002 में गोधरा को भुलाकर,
बाद के प्रतिकार पर हज़ार बार
विक्टिम कार्ड का रोना रोना है..
जो आज इजरायल में हम होते देख रहे हैं,
वो हमारे इसी कश्मीर में
19 जनवरी 1990 के दिन हुआ था..
आज जिस प्रकार फिलिस्तीन और इज़रायल की मस्जिदों से जेहाद का एलान हो रहा है,उसी प्रकार यहां भी मस्जिदों का इस्तेमाल किया गया था
19 जनवरी 1990 को इस्लामिक आतंकवादियों ने रालिव गैलिव या चलिव (“धर्म परिवर्तन (इस्लाम में), छोड़ो या मर जाओ”) और अल-सफा बट्टे दफा (अल्लाह के फ़ज़ल से कश्मीरी घाटी काफिरों से मुक्त होगी)जैसे जेहादी नारे लगाते हुए कश्मीर घाटी से कश्मीरी हिंदू पंडितों पर धावा बोला था और उन्हें चुन चुन कर मारा गया था..औरतों बच्चों के साथ यौन अपराध तब भी हुए थे और इन यौन अपराधों को कश्मीर की इस्लामिक महिलाओं और बच्चों ने सेलिब्रेट किया था और इस कृत्य से भारत का सो कॉल्ड शांतिप्रिय समाज खुश था..जैसे वो आज हमास के कृत्य की खुशियां मना रहा है और उसके कृत्य को सही बता रहा है।
आज भारत का ये शांतिप्रिय समाज हमास के इस कृत्य की खुशियां मना रहा है,मुस्लिम मोहोल्लों में पटाखे फोड़े गए हैं
मिठाइयां बांटी गई हैं अल्लाह का शुक्रिया कहा गया है।ये वही मोहल्ले हैं जहां से सनातनी भारतीयों की शोभा यात्राओं के जाने पर,घरों से पत्थर बरसाए जाते हैं और पत्थर बरसाने में मुस्लिम महिलाएं स्वयं आगे होती हैं
और अपने बच्चों को भी आगे करती हैं..
इसका कारण ये कि अगर गलती से पत्थर खा रहा सनातनी जुलूस,आत्मरक्षा में पत्थर चलाए तो वो वीडियो बना कर विक्टिम कार्ड खेल सकें कि “हाय हाय हमारी महिलाओं और बच्चों तक पर हमला किया इन काफिरों ने..दुनिया देखो देखो भारत में काफ़िर हम पर कितना ज़ुल्म करते हैं,अपने त्योहारों पर हम पर पत्थर चलाते हैं,इस्लामिक मुल्कों भारत को काफिरों से आज़ाद करो,गज़वा ए हिंद का ख्वाब पूरा करो,हम तुम्हारा साथ देंगे,तुम अल्लाह के वास्ते हमारा साथ दो”
ज़ुबैर,अरफा,राणा आयूब और सायमा आज हमास के साथ हैं और हमास के अटैक को सही बताने में लग गए हैं,वो इजरायल के आत्मरक्षा में उठाए कदम को इस्लाम पर हमला बता रहे हैं और उसे इंसानियत पर आक्रमण से जोड़ रहे हैं,उन्हें ये वीडियो नहीं दिख रहे जिसमें इजरायल की महिलाओं और बच्चों को घर से निकाल कर,नग्न किया जा रहा है और घुमाया जा रहा है,ताकि फिर एक भीड़ जिसमें बच्चे भी शामिल हैं उनका बार बार बलात्कार करें और फिर उनका सर कलम कर,
सर तन से जुदा के नारों पर झूमें..
आज संसार के हर कोने में मौजूद मुस्लमान हमास के साथ है,और वो साथ देंगे क्योंकि वो मानते हैं,काफिरों को मारना सही है,काफिरों की पत्नियों,माताओं,बच्चियों को रेप करना,उनको अपना सेक्स स्लेव बनाना सही है..
क्योंकि उनको 1400 से भी अधिक वर्षों से ये ही रटाया जाता है,होश संभालते ही उनको ये बताया जाता है कि मुसलमान के अलावा हर काफ़िर तुम्हारा दुश्मन है,और उससे दोस्ती कर,उसे धोखा देकर उसे मारना भी सही है,उसे कैसे भी,लालच या मौत के डर दिखा कर इस्लाम कुबूल करवाना सही है..जब कोई बच्चा ये मान ले कि वो जिसे मानता है,वो अल्लाह उसके साथ है जब वो किसी गैर मुस्लिम महिला का रेप करेगा,
तो वो बिना हिचके ये करेगा..
आज लंदन से लेकर न्यूयॉर्क में मुस्लिम युवाओं द्वारा गैर मुस्लिम समुदाय की बच्चियों को ब्रेन वॉश कर,उनका यौन शोषण करने के केस आ रहे हैं,और ये मुस्लिम युवा अनपढ़ नहीं,ये वहां मेडिकल की पढ़ाई या इंजीनियरिंग करने गए हैं,ये वहां बिजनेस कर रहे हैं और ये 13 से 15 साल की बच्चियों का नंबर लेकर उन्हें सेक्स के लिए उकसावे वाले संदेश भेज रहे हैं,और जब बच्चियों के माता पिता उनका सामना करते हैं,तो वो कहते हैं कि उन्हें पता नहीं था कि किसी 13 साल की गैर मुस्लिम लड़की को अप्रोच करना गलत है,क्योंकि उनकी किताब में,उनके मौलवी ने इसे सही बताया है,और इस्लाम में 13 साल की बच्ची से सेक्स करना गलत नहीं,उनको जब पुलिस दंडात्मक कृत्य के लिए ले जाती है तो पुनः इन्हीं जेहादियों की माताएं बहनें वीडियो रिकॉर्ड करती हैं और कहती हैं,”इस्लामोफोबिया हो रहा है
गैर इस्लामिक मुल्क में उनके साथ।”
विक्टम कार्ड तुरंत खेला जाता है और भारत का शांतिप्रिय समाज सोशल मीडिया पर इसका बदला लेने की यहां कसमें खाने लगता है,पैसा जुटाने लगता है।
जैसे आज इजरायल के प्रतिकार पर वो खुल कर हमास के लिए जेहाद में एकजुट होने की बात कह रहा है और बेशर्मी से कह रहा है,उसे किसी बात का डर नहीं,ना शर्म है,उसे सही गलत से कोई मतलब नहीं,उसे मतलब है,बस अपनी कौम से और कौम की जीत से,फिर वो जीत कैसे भी मिले,फिर उसके लिए कुछ भी करना पड़े,किसी की आवाज़ को दबाना पड़े,किसी भी आवाज़ उठाने वाले के परिवार की महिलाओं का चित्र एडिट कर उसे बदनाम करना पड़े,या उनका नंबर लीक कर उन्हें धमकियां और गालियां दिलवानी पड़े या बस एक दिन रेकी कर गाड़ी से सड़क चलते रौंदना पड़े,तो वो करेंगे,और वो कर रहे हैं,इस समय भी जब आप ये पढ़ रहे हैं,एक आवाज़ कहीं दबाई जा रही है!
हम उनसे नफ़रत नहीं करते हैं,पर वो हर गैर मुस्लिम से नफ़रत करते आए हैं और करते रहेंगे,उनकी तो मोहब्बत भी एक मकसद का हिस्सा है,ये सत्य जानना और सबको स्मरण कराते रहना आवश्यक है,ये नफ़रत फैलाना नहीं
ये शत्रुबोध कराना है,और शत्रुबोध होना सनातनी समाज के लिए बेहद आवश्यक है।
भारत इज़रायल से बुरी स्थिति में है,
भारत में सैकड़ों हमास हैं हजारों गाज़ा हैं..
भारत के ये शत्रु सीमा के बाहर और भीतर दोनों हैं,ये हर राज्य में हैं,ये हर मोहल्ले में हैं,और मौका मिलते ही ये वार करते हैं और आबादी के बढ़ते ही ये एक एक मोहल्ला,एक एक शहर,एक एक राज्य में वही करेंगे जो इन्होंने कश्मीर में किया,जो इन्होंने दिल्ली में किया,जो ये केरल और बंगाल में कर रहे,और जो अब कर्नाटक में होना शुरू हो चुका..
आज आप जहां भी हैं,इज़रायल का समर्थन कीजिए,क्योंकि आप आज इज़रायल का समर्थन नहीं कर रहे,आप समर्थन कर रहे हैं,आत्मरक्षा का,मानव–धर्म का,सत्य का और भारत के मित्र का,वो मित्र जो कश्मीर मुद्दे से चीन वाले मुद्दे पर,
भारत के साथ रहा है।
और अगर आप चुप रहते हैं,न्यूट्रल रहना चाहते हैं
तो एक प्रकार से,आप भी,इस्लामिक जेहाद का मौन समर्थन करेंगे।आप भी उस महिला के अपराधियों की श्रेणी में आयेंगे,जो वहां उसे इस समय नोच रहे हैं..
सनातन ये शिक्षा देता है कि महाभारत काल में जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तो जो वीर चुप थे,जिन्होंने मूंह फेर लिया था,योगेश्वर श्री कृष्ण ने अर्जुन से उन्हें भी दंड दिलवाया था,क्योंकि वो कुछ न करके भी पाप के,अधर्म के भागी बन गए

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