37 साल बाद पहली बार उत्तरप्रदेश के इतिहास में कोई सरकार लगातार दूसरी बार निर्वाचित होकर आयी। यह राजनीतिक करिश्मा हुआ 10 मार्च को जब उत्तरप्रदेश की जनता ने दो तिहाई बहुमत के साथ भाजपा को लगातार दूसरी बार प्रदेश की सत्ता सौंप दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को मिली इस ऐतिहासिक सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया था कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पांच वर्ष तक कैसी पारी खेली थी। 25 मार्च को प्रदेश के इतिहास में पहली बार यह हुआ जब राज्य के मुख्यमंत्री ने 05 वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद पुनः निर्वाचित होकर प्रदेश की बागडोर संभाली थी।
मुख्यमंत्री योगी की इस दूसरी पारी से भी लोगो को उम्मीदें थीं। 5 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी ने अपनी दूसरी पारी के 100 दिनों के कार्यकाल का धमाकेदार शतक जब पूरा किया तो सुशासन के राष्ट्रीय धुरंधर बन चुके मुख्यमंत्री योगी के इस धुआंधार शतक में चौक्कों छक्कों की भरमार दिखी। विपक्ष पूरी तरह हताश निराश और पस्त दिखा। रामपुर और आजमगढ़ के महत्वपूर्ण लोकसभा उपचुनाव में विजय तथा विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी की 36 सीटों पर हुए चुनाव में मिली भाजपा को 33 सीटों पर मिली विजय ने संदेश दिया कि मुख्यमंत्री योगी अपनी दूसरी पारी में अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन से जनता का दिल जीत लिया है।
अपने कार्यदिवसों का शतक पूरा करने के पश्चात मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि प्रदेश सरकार के 100 दिन के अन्तर्गत अलग-अलग सेक्टर में किये गये कार्य स्पष्ट कर देंगे कि आगामी 05 वर्ष में राज्य सरकार किस दिशा में बढ़ रही है। उनका यह ऐलान उत्तरप्रदेश के लिए वरदान सिद्ध होने वाला है। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी की दूसरी पारी के पहले 100 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल अभूतपूर्व सफलताओं और उपलब्धियों से लबालब दिखायी दे रहा है।