Home राजनीति लखीमपुर खीरी: लव जिहाद में दलित किशोरियों का किया बलात्कार और हत्या, आरोपी गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी: लव जिहाद में दलित किशोरियों का किया बलात्कार और हत्या, आरोपी गिरफ्तार

Awanish P.N. Sharma

by Awanish P. N. Sharma
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो नाबालिग दलित बहनों के बलात्कार और हत्या की घटना को अंजाम देने वाले छह आरोपियों यानी छोटू, जुनैद, सोहेल, हफिजुल्लाह, करीमुद्दीन और आरिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मृत बहनों के पड़ोसी छोटू गौतम ने सोहेल और जुनैद का परिचय उन दोनों से कराया था जिसके बाद उनकी आपस में ‘दोस्ती’ हुई। घटना के समय छोटू मौजूद नहीं था।

घटना के समय सोहेल और जुनैद लड़कियों को पास के एक खेत में कथित दोस्ती की आड़ में बहला-फुसलाकर ले गए और फिर उनका बलात्कार किया। लड़कियाँ गयीं क्योंकि उनकी दोस्ती थी और वे उन पर भरोसा करती थीं।

बलात्कार के बाद दोनों लड़कियों ने मांग की… कि आरोपी सोहेल और जुनैद उनसे शादी करें क्योंकि उन्होंने दोस्ती ही यही सोच कर कबूल किया था। शादी की जिद के बाद सोहेल, जुनैद और हफीजुल्लाह ने उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद जुनैद और सोहेल ने अपने दो और साथियों आरिफ, करीमुद्दीन को मौके पर बुलाया जिन्होंने दोनों मृत बहनों को पेड़ से लटकाने में उनकी मदद की।

छोटू जो मृत बहनों का पड़ोसी है और मृतक बहनों के धर्म का है को छोड़कर सभी पाँच अपराधी लखीमपुर खीरी के लालपुर गांव के रहने वाले हैं।

बलात्कार और हत्या के इस जघन्य अपराध पर उत्तर प्रदेश पुलिस यानी ‘सरकार’ ने अपना काम कर दिया है, कर रही है यानी दोनों का पोस्टमार्टम इस समय (पोस्ट लिखते हुए) कराया जा रहा है। सरकार जब कहीं काम करते नहीं दिखेगी उसकी निन्दा की जाएगी, जी भर कोसा जाएगा इसकी तसल्ली रखनी चाहिए।

मृत बहनों का पड़ोसी “छोटू” जो समाज यानी हमारा-आपका का प्रतिनिधित्व करता है, के जरिये अब समाज को सोचना चाहिए कि हम अपनी नैतिक, सामाजिक, पारिवारिक जिम्मेदारी कब उठाएंगे!

तमाम विपक्षी राजनीतिक पार्टी के नेता, सुपारी मीडिया और पत्रकार, जातिखोर चिंतक, संगठन आदि आदि इस पर क्यों खामोश हैं! इन तमाम सवालों और नारों को मेरा भी प्रचण्ड समर्थन है। लव जेहाद जैसी संगठित इस्लामिक अपराध योजना एक बड़ा खतरा है इसे भी मानता हूँ और इसके खिलाफ सरकारों को लगातार काम करते रहना होगा इसकी माँग करूँगा। मजहबी अपराधी लगातार हिन्दुओं पर आक्रमण कर रहे हैं ऐसी हर साहसी हिन्दू भावना का भी प्रबल पक्ष लेता रहूँगा।

लेकिन फिर पूछना चाहूँगा : समाज कहाँ है? उसकी सामाजिक, नैतिक, पारिवारिक जिम्मेदारी कहाँ है? हम कहाँ हैं? आप कहाँ हैं?

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