मध्यकालीन भारत मे राजमहलों में नाना प्रकार के षड्यंत्र चलते रहते थे ।
किशोर राजपुत्रों को बचपन से ही सुरा सुंदरी और अ Fee म जैसे नशों का का आदी बना के उनको सत्ता की Race से बाहर कर दिया जाता था ।
शक्तिशाली लोग राजपरिवार के किसी अक्षम अर्धविकसित मंदबुद्धि युवक को Dummy राजा बना के पर्दे के पीछे से राज किया करते थे । राजा कठपुतली मात्र होता था ।
असली सत्ता पर्दे के पीछे बैठे लोगों के हाथ होती थी ।
ठीक यही कहानी पंजाब में चल रही है ।
असली सत्ता केजरू और उसके भावी दामाद राघव चड्ढी के हाथ है ।
श्राबी CM कठपुतली मात्र है ।
उसे जानबूझ कर चुना ही इसलिये गया है कि वो एक कमजोर , अक्षम , अर्धविकसित , नशेड़ी CM है जिसे आसानी से उंगलियों पे नचाया जा सकता है ।
अंदर की खबर ये है कि पिछले दिनों श्राबी CM की नजदीकियां मोदी सरकार से बढ़ी हैं ।
मोदी ने पेगवंत मान की पीठ पे हाथ रखा है ।
मोदी का हाथ आते ही पेगवंत मान ने पंख फड़फड़ाने की , उड़ने की कोशिश की ।
केजरू ने ये Germany में Lufthansa कांड करवा के श्राबी पेगवंत मान के पर क़तर दिये हैं ।
पर इतना तय है कि पंजाब AAP में घमासान शुरू हो गया है ।
अंदरूनी सत्ता संघर्ष चालू आहे ।
अगर केजरू की तरफ से CM मान को कमजोर करने की कोशिश हुई तो CM हाई कमान से बगावत भी कर सकते हैं ।
मोदी का हाथ जो पीठ पे है ।
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