आखिरकार फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्रा, टेलीग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सप के जंगी मैदानों में पीएफआई (PFI) पर कार्यवाई करने का स्वनामधन्य राष्ट्रवादियों एवं प्रकाण्ड हिन्दू लड़ाकों का दबाव और अभियान रंग लाया।
प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और तमाम सरकारी एजेंसियाँ कार्यवाई करने के लिए हुए मजबूर! प्रचण्ड राष्ट्रवादी और अखण्ड हिंदूवादी हुँकार के सामने मोदी जी ने घुटने टेके, अमित शाह जी के चेहरे पर उड़ती रही हवाइयाँ!
आरएसएस भी हुआ हलकान, हैरान और परेशान। विराट राष्ट्रवादी और हिंदूवादियों की नाराजगी के चलते 2024 में होने वाले वोटों के नुकसान की भरपाई के लिए संघ प्रमुख भागवत जी लगा रहे मस्जिदों और मुस्लिम नेताओं के चक्कर। 2024 में भाजपा को वोट करने का फतवा देने के लिए मनाने की जुगत में लग गया है हर एक स्वयंसेवक!
सत्ता से बाहर हो कर ही ये संघी और भाजपाई असल मायनों में प्रकाण्ड राष्ट्रवादियों और अखण्ड हिन्दू लड़ाकों की अपेक्षाओं को पूरा करने पर और भी अधिक मजबूर होंगे, सक्षम होंगे। इसलिए 2024 में इनको मजा चखा ही देना है मित्रों! इस अभियान को भूलना नहीं है मित्रों!
‘अगली बार वक्फ बोर्ड की सरकार’ का नारा लगाते रहिये मित्रों!