एक बार बुखार और फोड़ा कहीं रास्ते में मिल गये। दोनों ने एक-दूसरे का हाल-चाल पूछा तो पता चला कि दोनों परम दुःखी! बुखार ने फोड़े से पूछा – पहले तू बता कि आखिर बात क्या है? क्यों दुःखी है…
कहानिया
-
-
नयाकहानियानितिन त्रिपाठीमीडियाराजनीतिसामाजिक
पत्रकारिता एक मजाक क्यों बन गया है
by Nitin Tripathi 154 viewsस्कूल में बच्चों से पूछा जा रहा था कि उनके पिता क्या करते हैं, कितना कमाते हैं. एक बच्चे ने बताया मेरे पिता जी पहले गे गिगोलो थे. पुलिस ने पकड़ा और जेल में छः महीने रहे. फिर वापस आकर…
-
कहानियाप्रेरणादायकमधुलिका यादव शचीलेखक के विचारसच्ची कहानियांसामाजिक
एक तलाक़
by मधुलिका यादव शची 162 viewsएक व्यक्ति लेखा अधिकारी की पोस्ट पर थे , शादी के एक हफ्ते बाद उनकी पत्नी तलाक की मांग करने लगी। समयावधि आने पर नोटिस भी भेज दिया गया, अब निर्धारित समय बीतने वाला था तभी लड़की की ही तरफ…
-
राजनीतिआर ऐ -ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष)कहानियासामाजिक
कुमार विश्वास की बोधकथा
by आर ऍम यादव ( राज्याध्यक्ष) 241 viewsकॉलेज की ट्रिप गई थी । लड़के और लड़कियां मिलाकर कुछ दस बारह होंगे । मुंबई से जरा दूर कई छोटे छोटे वॉटरफॉल बनते हैं बारिश के दिनों में । उनके नीचे काफी मजा आता है । ऐसे ही एक…
-
तो हिम्मत हार चुकी थी कि कभी संतान का मुख भी देख पाऊंगी मगर 15 वर्ष बाद ईश्वर ने मुझे बाँझण होने के शाप से मुक्ति दिला तो दी मगर आज ऐसा लग रहा है कि नाती का मुख नहीं…
-
Mann Jeeकहानियालेखक के विचारविदेशसामाजिक
भूरेलाल के अमेरिकी तजुर्बे
by Mann Jeeby Mann Jee 136 viewsभूरेलाल उर्फ़ मिस्टर ब्राउन रेड अमेरिका में कई साल से रह रहे थे। एक नई नौकरी पाने के बाद ज्ञात हुआ कंपनी महीने के पचास डॉलर अदा करती है यदि कोई मालिश या फिजियो करवाये। मिस्टर ब्राउन रेड की लंबी…
-
कहानियामधुलिका यादव शचीलेखक के विचारसामाजिक
मिस मार्ग्रेट के साथ स्वामी विवेकानंद
by मधुलिका यादव शची 143 viewsमिस मार्ग्रेट के साथ स्वामी विवेकानंद उनके घर गए । मिस मार्ग्रेट ने कहा ; आप बैठिए, मैं आपके लिए नाश्ता लेकर आ रही हूँ, स्वामी जी तो कई दिन से भोजन नहीं किये थे इसलिए उन्होंने लज़्ज़ा त्यागकर कहा…
-
सुबह जब स्त्रियाँ शौच क्रिया को गयी तभी उन्होंने भोर के अंधेरे में देखा कि एक व्यक्ति जमीन पर पड़ा हुआ है । महिलाओं ने कोसते हुए कहा लगता है कि फिर कोई मदिरा पीकर बेसुध होकर जमीन पर पसर…
-
कहानियाईश्वर भक्तिपुस्तक (कहानी श्रृंखलाबद्ध)प्रेरणादायकसुमंत विद्वन्स
वाल्मीकि रामायण सुन्दरकांड भाग 78
by सुमंत विद्वन्स 171 viewsलंका में प्रवेश करके हनुमान जी राक्षसों के घरों को देखते हुए आगे बढ़े। उनमें से किसी का आकार कमल जैसा था, किसी पर स्वास्तिक के चिह्न बने हुए थे। वे सभी घर चारों ओर से सजे हुए थे। एक…
-
आपके पास समर्थक केवल होने चाहिए फिर आप सत्य कहते हो या असत्य , ज्ञान की बात करते हो या मूर्खता की बातें इससे कोई मतलब नहीं….आपके समर्थक आपकी बातों में सत्य और ज्ञान है यह सिद्ध कर ही देंगे।…