Home विषयलेखक के विचार Ground Report India – भारत की जमीनी हकीकत

ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया का नाम भले ही ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया है लेकिन इस जरनल में खबरें जैसा कुछ नहीं होता और न ही यह केवल इंडिया तक ही सीमित है। यह नाम मैंने इसलिए चुना था क्योंकि मेरी भावना थी कि इंडिया का नाम और फैले, इंडिया की धरती के प्रति मेरा धन्यवाद ज्ञापन। यह जरनल सामाजिक समाधान के संदर्भ में गंभीर लेखन के लिए स्थापित की गई थी, दुनिया भर के एक से बढ़कर एक गंभीर व अति-प्रतिष्ठित चिंतकों, लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम जिम्मेदारी से किया। अच्छी साख प्राप्त की।

2005 में इसको स्थापित करने की संकल्पना मन में आई थी, 2006 में अनौपचारिक रूप से इसकी स्थापना हुई, 2007 में ऑस्ट्रेलिया में इसकी पंजीकृत स्थापना हुई। इस जरनल की शुरुआत महज 50 पाठकों से शुरू हुई (इनमें से अधिकतर अमेरिका से थे), जो 2013 तक पहुंचते लगभग 90 देशों में दो लाख पाठकों तक पहुंच गई। भाषा अंग्रेजी है।

2013 से 2015 तक मैं अपनी किताब “मानसिक, सामाजिक, आर्थिक स्वराज्य की ओर” के अंतिम लेखन, किताब संपादन व प्रकाशन इत्यादि में बहुत व्यस्त रहा। सन 2016 में आदि का जन्म हुआ और आदि को पूर्णकालिक पिता के रूप में अपनी अधिकतर ऊर्जा का सदुपयोग करने लगा।

आदि की माता ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के राजनयिक अधिकारी पद से स्तीफा दिया क्योंकि हम दोनों ही आदि को माता-पिता के तौर पर पूरा समय देना चाहते थे। जिस पद से आदि की माता ने स्तीफा दिया था वह प्रोटोकाल के हिसाब से भारत सरकार के ज्वाइंट-सेक्रेटरी जैसे उच्च-पद के समकक्ष था। मैंने भी अपने सारे प्रयास रोककर आदि को पूरा समय दिया।

इस वर्ष 2022 की फरवरी से आदि ने कैनबरा में सरकारी प्राइमरी स्कूल जाना शुरू किया। लेकिन 2020 में आए गंभीर हार्ट-अटैक के कुप्रभाव के कारण, पिछले वर्ष 2021 की जुलाई से मेरी स्थिति ऐसी होती जा रही थी कि थोड़े से शारीरिक परिश्रम यहां तक कि बात तक करने में भी सांस फूलने लगती, चक्कर सा महसूस होता, हृदय गति 230 पार कर जाती। कई महीने उहापोह में गुजर गए कि क्या हो रहा है, ऐसा कैसे चलेगा। जांच करने पर रिपोर्ट्स सामान्य बतातीं।

तब मैने सोचा कि जब ऐसे ही चलना है तो कुछ प्रयास करके देखा जाए, अधिक से अधिक क्या होगा यह स्थिति और अधिक खराब होगी। वैसे तो घर में कई अच्छी व महंगी साइकिलें हैं ही, लेकिन कैनबरा में 6—7 महीने तापमान माइनस में पहुंचता रहता है, हृदय की स्थिति ठीक नहीं लग रही थी, इसलिए सुबह-सुबह सड़क पर साइकिल चलाने का सुरक्षित उपाय नहीं दीख रहा था। वर्क-साइकिल खरीदी।

वर्क साइकिल का प्रयोग पहले दिन लगभग 15 किलोमीटर से किया, पिछले कई महीनों से रोज सुबह एक बार में लगभग ढाई घंटे में, कम से कम 55 किलोमीटर साइकिल चलाता आ रहा हूं। अब सांस नहीं फूलती, चक्कर नहीं आते, हृदय गति सामान्य रहती है। शारीरिक सक्रियता व फिटनेस बहुत अधिक बढ़ गई है।

आदि बड़े हो रहे हैं, हफ्ते में 5 दिन स्कूल जाने लगे हैं। हृदय की स्थिति अनियंत्रित नहीं रहती है। इसलिए पिछले कुछ हफ्तों से लगभग 8 साल बाद ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर विचार कर रहा हूं। जब से पुतिन ने यूक्रेन में जनसंहार शुरू किया है, दुनिया को परमाणु-युद्ध/विश्व-युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा किया है। जिस तरह से बहुत लोग जिनको जानकारी का “ज” भी नहीं पता लेकिन कुछ तो फूहड़ता व बदतमीजी के साथ हिंसा को जस्टिफाई करते हैं। जिस तरह से क्लाइमेट-चेंज की ओर बढ़ने वाले गंभीर कदमों से दुनिया को वापस लौटने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

यूं लगता है कि ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया को सामाजिक-समाधान व सस्टेनेबिलिटी के लिए अपने स्तर पर गंभीर योगदान देना चाहिए। इसलिए अब फिर से ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अति-सक्रिय रूप से खड़ा करने की जरूरत है।
एक बड़ा गोल बनाया है, वह यह कि आगामी कुछ वर्षों में ग्राउंड रिपोर्ट इंडिया के अपने पाठकों की संख्या कम से कम 10 लाख हो जाए। वर्तमान के 2 लाख पाठकों में अधिकतर लोग अमेरिका, रूस, योरप इत्यादि देशों से हैं, भारत से भी कई हजार लोग हैं। अब यह दायरा बढ़ाकर अफ्रीकी देशों, दक्षिण-अमेरिकी देशों, अरब-देशों इत्यादि में करने की योजना है। हर एक देश से कई-कई हजार लोग हों ऐसी आकांक्षा है।
संभवतः आपने यह महसूस भी किया हो कि अब फेसबुक पर पहले जैसे प्रतिदिन लेख नहीं दे पा रहा हूं, लेखों पर की गई टिप्पणियों का चाहने पर भी जवाब नहीं दे पा रहा हूं। निश्चिंत रहिए टिप्पणियां पढ़ता हूं। अब फेसबुक-केंद्रित-लेखन पर समय कम दे पाऊंगा, लेकिन प्रयास रहेगा कि प्रति सप्ताह दो या तीन लेख आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत होते रहें। आशा है कि आप लोगों का प्रेम व आशीर्वाद बना रहेगा। अब मुझसे संवाद करने का सबसे बेहतर तरीका मेरी कामकाजी ईमेल के माध्यम से रहेगा। यदि आपके पास मेरी ईमेल नहीं है तो यदि आप चाहें तो नोट कर सकते हैं —

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