चोल साम्राज्य के सम्राट राजा सुन्दर है जिनके दो पुत्र है युवराज आदित्य करिकालन और युवराज अरुण मोरी वो एक राज्य पर राज करते है दोनों भाई चोल वंश के लिए विश्व को विजय करने के लिए निकले है कहानी के दूसरे हिस्से में चोल साम्राज्य को ख़त्म करने के लिए कादमबबूर किले में एक और राजा पर्वतवश्वर सिंह के नेतृत्व में यह फैसला लिया जाता है की चोल साम्राज्य को हटा कर राजा सुन्दर चोल के भतीजे मधुरामत्रिकरण को बैठाया जाये क्यूंकि वो राजा सुन्दर के बड़े भाई का लड़का है और नियम से वही उसका उत्तराधिकारी भी है
इसी बीच फिल्म में कुछ और भी पात्र जुड़ते जाते है और उनकी अलग अपनी कहानी और षड़यंत्र बनती जाती है युवराज आदित्य करिकालन की एक अलग कहानी है अपनी पत्नी नंदनी (ऐश्वर्या राय बच्चन ) के साथ इसी बीच आदित्य करिकालन को एक षड़यंत्र का पता चलता है जिसका पता लगाने के लिए वो वल्ल्बरायण वन्दीयतेवन को तंजौर भेजते है जहा सभी षड़यंत्र रचे गए है अब कौन कौन से षड़यंत्र है इसका पता चलता है या नहीं उनका अंत होता है या नहीं आदित्य करिकालन क्या करते है और राजा सुन्दर चोल क्या बड़ा फैसला लेते है ये देखने के लिए आपको पी एस – 1 देखनी होगी
की यह फिल्म दो भागो में बनी है इसका दूसरा भाग जल्द ही आएगा लेकिन यह फिल्म अपने आप में इतनी विशाल है की इसे २ भागो में समेट पाना फिल्म के साथ नाइंसाफी सी लगती है कुछ फिल्म इतिहास बनती है उनमे से इस फिल्म को रखा जा सकता है काफी उलझाऊ कहानी होने की वजह से इस फिल्म को देखने से पहले इसकी कहानी को जानना बेहद जरूरी हो जाता है
जिनको इस फिल्म की कहानी पता है उनके लिए यह फिल्म काफी अच्छी है लेकिन जिनको कहानी नहीं पता उनके सर के ऊपर से जाने वाली फिल्म जरूर है फिल्म के कुछ दृश्य बाहुबली की याद जरूर कराएँगे इस फिल्म के जरिये ऐश्वर्या राय ने काफी लम्बे समय बाद वापसी की है और काफी सुन्दर लग रही है उनकी सुंदरता के आगे बाकी एक्ट्रेस पानी कम लगती है
इस फिल्म की गहराई को ध्यान से देखने पर ही समझा जा सकता है खैर इस फिल्म का रिव्यु देने के लिए शायद मेरे शब्द कम पद जाए इसलिए एक शब्द में बस इतना कहना चाहूंगा की फिल्म बेहतीन है