Home लेखक और लेखअजीत सिंह नए साल में मनाली यात्रा क्यू ?

नए साल में मनाली यात्रा क्यू ?

by Ajit Singh
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हमारी सबसे बड़ी समस्या ये है कि हम अपने जीवन मे ज़्यादातर काम सिर्फ इसलिये करते हैं कि दूसरे भी ऐसा करते हैं ।
क्या करना है , कैसे करना है , कब करना है ……ये हम अपनी मनमर्जी अपने विवेक से नही करते , दुनिया ऐसे करती है , इसलिये हम भी वही लकीर पीटते हैं ।
हमें क्या ,कैसे कब करना है , ये हम नही दुनिया decide करती है ।
ज़्यादातर काम हम दूसरों को Impress करने के लिये , उनको दिखाने के लिये , उनको खुश करने के लिये करते हैं , वो लोग जो हमारी ओर देखते तक नही , वो जिन्हें हमसे कोई मतलब नही ……. वो जो अपनी ज़िंदगी मे ही इस कदर उलझे हुए हैं कि उन्हें हमारे बारे में सोचने , हमारी चिंता करने की कोई फुरसत ही नही ।
मनाली में आजकल इतनी भीड़ है कि सड़क पे चलना दूभर हुआ पड़ा है ।
सड़कों पे इतनी भीड़ , इतना Traffic है कि 10km की दूरी 4 घंटे में तय हो रही । सड़कें जाम हैं ।
होटलों का ये हाल है कि जो कमरे कल तक 800 रु में मिल जाते थे उनके 5000रु मांगे जा रहे हैं ।
खाना तो खैर यूँ भी मनाली के होटलों ढाबों में बेहद घटिया मिलता है पर भीड़ भाड़ के दिनों में तो quality एकदम गिर जाती है ।
सवाल ये है कि फिर ये इतने सारे लोग ये Christmas /New Year मनाने मनाली क्यों चले आते हैं ?????
ऐसा तो है नही कि इस हफ्ते कुछ विशेष छुट्टियां हैं , सब कुछ बंद है , 5 -7 दिन की छुट्टी है …… तो फिर ये इतने सारे लोग अचानक क्यों चले आये मनाली ??????
अच्छा अब न आते , हफ्ते बाद आ जाते ……
या कुछ दिन पहले चले आते ……
वैसे मुझे तो आज तक यही समझ नही आया कि ये New Year लोग मनाते ही क्यों हैं ?
सिर्फ एक Date बदलती है ……. उसका ऐसा Celebration ?
ये परंपरा किसने शुरू की होगी ????
मुझे लगता है कि ये पश्चिम की बाजारवादी उपभोक्तावादी व्यवस्था की उपज है ……. उन्ने एक लकीर खींच दी जिसे हमने पीटना शुरू कर दिया ।
मैंने अपने अनुभव से सीखा है कि छुट्टियां मनाने तब मत निकलो जब सारी दुनिया निकल रही ।
हफ्ता आगे पीछे निकल लो ।
फायदे में रहोगे ।
वहां मत जाओ , जहां सारी दुनिया जा रही …..
थोड़ा अगल बगल , side में निकल लो …..
फायदे में रहोगे ।

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