अच्छा, ये समीक्षा का चक्कर भी संघियों ने अपने बेतेनॉयर (BeteNoire) कम्युनिस्टों से ही सीखा है. कम्युनिस्टों के यहां महान बहस की परंपरा रही है, क्योंकि उनके यहां गुरु भी गुरु कम और गुरुघंटाल अधिक हुए हैं. जेएनयू में पढ़ाई…
स्वामी व्यालोक
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मीडियाराजनीतिलेखक के विचारस्वामी व्यालोक
संसद में आक्रामकता ठीक, लेकिन राहुल गांधी को निभानी होगी बेहद परिपक्व विपक्षी नेता की भूमिका
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 28 viewsदरअसल, राहुल गांधी की समस्या ये है कि उन्होंने बचपन से अधिकार ही अधिकार देखा है, कर्तव्य नहीं जाना. अकूत ताकत तो उनको दी गयी, लेकिन जिम्मेदारी से वह हमेशा बचते रहे. जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली तो…
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स्वामी व्यालोकईश्वर भक्तिलेखक के विचारसामाजिक
तू अपनी माँ में श्रद्धा खोता है…मेरे आँचल से स्वयं को दूर करता है।
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 120 viewsपूजा खत्म हुई, पर बैठा ही रहा। माँ की आँखों में आँखें डाल निहारता रहा। झपकी सी लग गयी। शायद निद्रा और जागरण के बीच की संधि थी। तभी सुगंधित समीर से मन थोड़ा सा जागा। पायल की आवाज और…
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राजनीतिजाति धर्ममुद्दास्वामी व्यालोक
जाति-सर्वेक्षण का दांव पड़ सकता है उल्टा
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 117 viewsमूल सवाल तो यह है कि इसको विकास से कैसे जोड़ेंगे..भाई, 30-32 वर्षों से तो बिहार में सामाजिक न्याय की ही सरकार थी. लालूजी, राबड़ी देवी औऱ फिर नीतीश कुमार हैं. तो, इससे ऐसा क्या कर देंगे कि पिछड़ों का…
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राजनीतिजाति धर्ममुद्दासामाजिकस्वामी व्यालोक
जो घरेलू आलोचक हैं, उन पर हंसी और दया दोनों आती है
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 92 viewsजो घरेलू आलोचक हैं, उन पर हंसी और दया दोनों आती है. वे चीन की इस लाइन को रिपीट कर ‘राजनीति के सनातनीकरण’ या सनातन के राजनीतिकरण की बात कर रहे हैं, वे देश का नुकसान कर रहे हैं. वैसे,…
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राजनीतिमुद्दासामाजिकस्वामी व्यालोक
कर्णाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 175 views2014 से कोई चुनाव ऐसा नहीं बीता, जब मोदीजीवा की परीक्षा नहीं ली गयी। यह कांग्रेसियों का, लिबिर-लिबिर गिरोह का, फेमिनाजियों का, सिकुलरों का पसंदीदा शगल था। अब दक्खिनी टोले के महावीर भी इसमें आ गए हैं। परिणाम आए नहीं…
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मीडियामुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
किसी भी प्रोटेस्ट को अब इवेंट बनाने की सलाहियत आ गयी
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 142 viewsएक काम तो किया है, मोदीजीवा ने। किसी भी प्रोटेस्ट को अब इवेंट बनाने की सलाहियत आ गयी है। वैसे भी, तौहीन बाग के खाट-कार प्रोटेस्ट, तथाकथित किसानों के टेंट-बिरयानी प्रोटेस्ट के बाद माहौल बहुत हल्का चल रहा था। तो,…
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पिएगा तो मरेगा, लेकिन तुम और तुम्हारा प्रशासन चुल्लू भर पानी में क्यों नहीं डूब मरता, तुगलक कुमार? भारत एक कमाल का देश है और बिहार वह प्रदेश जहां सभ्यता का अंतिम सोपान है। पूरी जहालत और भयंकर इनर्शिया का…
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नयाजाति धर्मपरिधानलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
व्यालोक स्वामी की बोहेमियन का मतलब क्या?
by Praarabdh Desk 157 viewsबोहेमियन शब्द का अर्थ पूर्वी यूरोपियन और स्लेविक भाषा बोलने वाले बोहेमिया देश में उत्पन्न हुई वस्तु से है, परन्तु धीरे धीरे इस शब्द का प्रयोग उन्नीसवी शताब्दी[1] में फ्रेन्च और अंग्रेजी की बोलचाल की भाषा में उन लोगों के लिए किया…
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ईश्वर भक्तिपरम्पराएलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
शिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 180 viewsशिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे हैं, इसलिए कि सॉफिस्टिकेटेड नहीं, एलीट नहीं। वंचितों के नाथ हैं, असहायों के सहाय हैं, खलनायकों को भी आशीष दे डालते हैं तो प्रवंचक भी उनकी पूजा कर सकते हैं। भूत, प्रेत, चर, अचर,…