भारतीय समाज में विधवा बहू की अपने ससुराल में क्या स्थिति होती है, ये किसी से छिपा नहीं है। भारतीय सासें बेटे की मृत्यु के तुरंत बाद बहू को डायन राक्षसी न जाने क्या क्या बनाने लगती हैं। सामान्य परिवार…
लेखक के विचार
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मुद्दारोजगारलेखक के विचारशरद कुमार वर्मा
रोज़गार, कपड़ा और मकान
by Sharad Kumarby Sharad Kumar 123 viewsकुछ दिन पहले नौकरी पाने के लिए गुजरात में लोगों की, या यूं कहें युवाओं की, इतनी भीड़ इकट्ठा हुई कि वहाँ की रेलिंग टूट गई और कई लोग नीचे गिर गए। खैर, शुक्र मनाइए कि कोई बड़ा हादसा नहीं…
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मीडियाराजनीतिलेखक के विचारस्वामी व्यालोक
संसद में आक्रामकता ठीक, लेकिन राहुल गांधी को निभानी होगी बेहद परिपक्व विपक्षी नेता की भूमिका
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 28 viewsदरअसल, राहुल गांधी की समस्या ये है कि उन्होंने बचपन से अधिकार ही अधिकार देखा है, कर्तव्य नहीं जाना. अकूत ताकत तो उनको दी गयी, लेकिन जिम्मेदारी से वह हमेशा बचते रहे. जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली तो…
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समय की दीवार पर लिखी इबारत बताती है कि मोदी मैजिक बस स्वाहा होना ही चाहता है। भाजपा का सूर्य आधा डूब चुका है। पूरा भी डूबने में अब बहुत देर नहीं है। नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए लगातार…
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राजनीतिनयाभारत वीरमुद्दालेखक के विचारसतीश चंद्र मिश्रा
अग्निवीर योजना के खिलाफ़ ज़हर उगल रहा है राहुल गांधी
by सतीश चंद्र मिश्रा 33 viewsराजदीप रविश बरखा आरफा विनोद को कोसना बंद करिए… वो बहुत ईमानदार हैं, अपने लक्ष्य और उद्देश्य, उस कांग्रेसी पेड़ के प्रति जिसके फ़ल उन्होंने दशकों तक खाये हैं। एक दशक पहले सूख चुके उस पेड़ का साथ उन्होंने नहीं…
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अजीत सिंहअर्थव्यवस्थामुद्दारोजगारलेखक के विचारलेखकों की चुटकी
Right to Work, Right Against Exploitation
by Ajit Singhby Ajit Singh 29 views.रोहन ने एक ओपन यूनिवर्सिटी से उसने बीसीए पास किया है…बहुत प्रयास के बाद आज उसे एक कंपनी में इंटरव्यू देने का मौका मिला… इंटरव्यू लेने वाले ने उसे कम्प्यूटर पर अपना रिज्यूम बनाने को कहा…एक घंटे तक प्रयास करने…
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नयाअजीत सिंहमुद्दाराजनीतिलेखक के विचारलेखकों की चुटकीसामाजिक
चकवड़ में सब कुछ गोलमाल है
by Praarabdh Desk 30 viewsमीरा कुमार जी ने पूछा है – चकवड़ क्या है? (मीरा जी का यह प्रश्न हमारे उस पोस्ट से उठा है जो हमने दो दिन पहले डाला था) “सब कुछ गोलमाल है” में मैंने चकवड़ के संदर्भ में लिखा था…
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राजनीतिमुद्दारंजय त्रिपाठीलेखक के विचारविदेश
दोगले, दगाबाज और सिक्कों पर बिकने वाले ग़द्दार कम्युनिस्ट
by रंजय त्रिपाठी 41 viewsदोगले, दगाबाज और सिक्कों पर बिकने वाले ग़द्दार कम्युनिस्ट रूस जो कभी USSR हुआ करता था तब भारत के कम्युनिस्ट हर बात के लिए उनके तरफ मुँह उठा के चल देते थे … सारी इनकी स्ट्रेटेजी, पाठ्यक्रम, छपाई, हलन्त, पूर्णविराम,…
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राजनीतिमुद्दालेखक के विचारसामाजिक
चुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए मोदी ने किया 100 रुपये सस्ता
by Praarabdh Desk 160 viewsअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की. सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपए की कटौती करने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने खुद…
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राजनीतिअपराधदयानंद पांडेयमुद्दालेखक के विचारलेखकों की चुटकीसामाजिक
केजरीवाल शराब बेच रहे थे , नीतीश कुमार सेक्स !
by दयानंद पांडेय 230 viewsअनपढ़ या पढ़े-लिखे का सेक्स चेतना से कुछ लेना-देना नहीं होता , इंजीनियरिंग की डिग्री लिए हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतनी सी बात भी नहीं जानते। इस मामले में भाषा या पढ़ाई-लिखाई के कोई मायने नहीं होते। एक…