पूजा खत्म हुई, पर बैठा ही रहा। माँ की आँखों में आँखें डाल निहारता रहा। झपकी सी लग गयी। शायद निद्रा और जागरण के बीच की संधि थी। तभी सुगंधित समीर से मन थोड़ा सा जागा। पायल की आवाज और…
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राजनीतिजाति धर्ममुद्दास्वामी व्यालोक
जाति-सर्वेक्षण का दांव पड़ सकता है उल्टा
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 96 viewsमूल सवाल तो यह है कि इसको विकास से कैसे जोड़ेंगे..भाई, 30-32 वर्षों से तो बिहार में सामाजिक न्याय की ही सरकार थी. लालूजी, राबड़ी देवी औऱ फिर नीतीश कुमार हैं. तो, इससे ऐसा क्या कर देंगे कि पिछड़ों का…
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राजनीतिजाति धर्ममुद्दासामाजिकस्वामी व्यालोक
जो घरेलू आलोचक हैं, उन पर हंसी और दया दोनों आती है
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 72 viewsजो घरेलू आलोचक हैं, उन पर हंसी और दया दोनों आती है. वे चीन की इस लाइन को रिपीट कर ‘राजनीति के सनातनीकरण’ या सनातन के राजनीतिकरण की बात कर रहे हैं, वे देश का नुकसान कर रहे हैं. वैसे,…
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राजनीतिमुद्दासामाजिकस्वामी व्यालोक
कर्णाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 157 views2014 से कोई चुनाव ऐसा नहीं बीता, जब मोदीजीवा की परीक्षा नहीं ली गयी। यह कांग्रेसियों का, लिबिर-लिबिर गिरोह का, फेमिनाजियों का, सिकुलरों का पसंदीदा शगल था। अब दक्खिनी टोले के महावीर भी इसमें आ गए हैं। परिणाम आए नहीं…
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मीडियामुद्दाराजनीतिलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
किसी भी प्रोटेस्ट को अब इवेंट बनाने की सलाहियत आ गयी
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 125 viewsएक काम तो किया है, मोदीजीवा ने। किसी भी प्रोटेस्ट को अब इवेंट बनाने की सलाहियत आ गयी है। वैसे भी, तौहीन बाग के खाट-कार प्रोटेस्ट, तथाकथित किसानों के टेंट-बिरयानी प्रोटेस्ट के बाद माहौल बहुत हल्का चल रहा था। तो,…
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पिएगा तो मरेगा, लेकिन तुम और तुम्हारा प्रशासन चुल्लू भर पानी में क्यों नहीं डूब मरता, तुगलक कुमार? भारत एक कमाल का देश है और बिहार वह प्रदेश जहां सभ्यता का अंतिम सोपान है। पूरी जहालत और भयंकर इनर्शिया का…
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ईश्वर भक्तिपरम्पराएलेखक के विचारसामाजिकस्वामी व्यालोक
शिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 160 viewsशिव हमेशा ही आकर्षित करते रहे हैं, इसलिए कि सॉफिस्टिकेटेड नहीं, एलीट नहीं। वंचितों के नाथ हैं, असहायों के सहाय हैं, खलनायकों को भी आशीष दे डालते हैं तो प्रवंचक भी उनकी पूजा कर सकते हैं। भूत, प्रेत, चर, अचर,…
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इतिहाससामाजिकसाहित्य लेखस्वामी व्यालोक
संत रविदास जयंती पर विशेष
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 224 viewsफिर से कौआ कान ले गया वाली बात हुई है, मित्रों। ऐसा मुझे पक्का विश्वास है। इसके तीन कारण हैं और तीनों ही जबरदस्त हैं। पहला, जो पत्तलकार ‘संत रविदास’ को रोहिदास-रोहितदास और रोहिदा लिख रहे हैं, वे खबरों को…
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जाति धर्मचलचित्रलेखकों की चुटकीस्वामी व्यालोक
वकांडा फॉरएवर
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 277 viewsजो टूट कर बिखरते हैं, वे ही विपत्तियों में निखरते हैं। ऐसा ही कुछ वकांडा के दूसरे पार्ट में विलेन के मुंह से कहलाया गया है। गलती से हिंदी डब की हुई फिल्म देख ली और जैसी की रवायत है,…
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स्वामी व्यालोकलेखक के विचारसच्ची कहानियांसामाजिकसाहित्य लेख
एक उदास पोस्ट : बसंत और आज की सामाजिक शादियाँ
by Swami Vyalokby Swami Vyalok 187 viewsबसंत का एक अजीब सा उखड़ा हुआ दिन। मौसमों के साथ जो घालमेल हुआ है, उनमें उनका होना भी अब गड़बड़ सा हो गया है। सुना था, इस देश में छह ऋतुएं होती थीं, चार तो खुद देखी भी हैं।…